रुद्रप्रयाग/केदारनाथ यात्रा इन दिनों चरम सीमा पर चल रही है।आपदा के बाद अभी तक यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में स्थित तप्तकुंड आज भी अपना वास्तविक रूप नही बना पाया है।एक ओर जहां आये दिन हजारों की संख्या में तीर्थयात्री बाबा के धाम के लिए आ रहे हैं, वहीं तप्तकुंड स्थित मंदाकिनी नदी में स्नान करने के लिये यात्रियों का तांता लग रहा है बावजूद इसके यात्री अपनी जान जोखिम में डाल कर यहाँ पर स्नान कर रहे हैं।
आपको बता दें बाबा केदारनाथ के दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु गर्मकुंड में स्नान के लिये पहुंच रहे हैं।पुनरोद्धार के अभाव मे गर्मकुंड की कामचलाऊ व्यवस्था में यात्रियों के लिये दो कुंड बनाये गए हैं।इसी पानी में श्रद्धालु पँचस्नान सहित स्नान करने को मजबूर हैं,जिसके चलते यात्रियों को जोखिम में मंदाकिनी नदी में स्नान करना पड़ रहा है जो कि आने वाले बरसाती दिनों में खतरनाक साबित हो सकता है।पुलिस प्रशासन की बात करें तो होमगार्ड के जवानों की तैनाती तो की गई है लेकिन कोई भी तीर्थयात्री उनकी बात सुनने को तैयार तक नही हैं।गर्मकुंड की बदहाल व्यवस्था के बावजूद यात्री अपनी जान को जोखिम में डाल कर मंदाकिनी नदी में स्नान करने को मजबूर हो रहे हैं।
वहीं व्यापार सभा अध्यक्ष गौरीकुंड अरविंद गोस्वामी का कहना है कि शासन-प्रशासन द्वारा ठोस व्यवस्था नही की जा रही हैं साथ ही उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि गौरीकुंड स्थित तप्तकुंड 2013 की आपदा में तबाह हो गया था,तब से लेकर अभी तक निर्माणाधीन तप्तकुंड को अपना वास्तविक स्वरूप नही मिल पाया है जबकि लाखों रूपये इस पर खर्च होने के बावजूद जीएमवीएन बीते तीन वर्षों में पुनरोद्धार कार्य मे जुटने के बाद भी कुंड का निर्माण नही कर पाया है।