उखीमठ- ग्राम पंचायत सारी में आज से भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के तत्वावधान में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिलाओं व अन्य लाभार्थियों को 13 दिवसीय जूट बैग बनाने का प्रशिक्षण शुरू हो गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सहायक खण्ड विकास जी.एल.आर्य व संस्थान के निदेशक के.एस.रावत द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। बतौर मुख्य अतिथि सहायक खंड विकास अधिकारी जी.एल.आर्य ने उपस्थित महिलाओं से कहा कि मैं आशा करता हूं कि आप अपना मूल्य समय देकर अपने आप को प्रशिक्षित करने में सफल होंगे। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को समूहों से मिलने वाली सुविधाओं और सीसीएलके बारे में भी जानकारियां दी।
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक, केएस रावत द्वारा बताया गया कि एनआरएलएम की महिला समूहों को जुट बैग बनाने का 13 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार से जोड़ने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैग बड़े काम की चीज है। पूजा सहित शादी ब्याह आदि में बैग का प्रयोग होता है। जिले में केदारनाथ धाम सहित चोपता, देवरियाताल आदि पर्यटक स्थल हैं। पालिथीन प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए यहां जुट बैग बनाने का प्रशिक्षण रखा गया है। उनके द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर उन्हें स्थानीय स्वरोजगार की संभावनाओं पर चर्चा की गई। संस्थान के संकाय सदस्य वीरेन्द्र बर्तवाल ने उद्यमिता से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रशिक्षणार्थियों को दी जा रहीं है। उन्होंने कहा यह गांव पर्यटक गांव के साथ-साथ स्वरोजगार गांव भी बन सकता है। ग्राम प्रधान मनोरमा देवी ने प्रशिक्षार्थियों से कहा कि 13 दिन के इस प्रशिक्षण में हमेशा समय से आकर भली-भांति प्रशिक्षण लें और अपनी शंका का समाधान भी कराएं। आज 35 महिलाओं ने आवेदन किया।
इस अवसर पर ममंद अध्यक्षा मंजू देवी, से.नि.एडीआईओ जीएस भट्ट, देवरिया ग्राम संगठन की अध्यक्षा गुड्डी देवी, कोषाध्यक्ष धूमा देवी, उप प्रधान अनिता देवी सहित कविता देवी, संगीता देवी, प्रेमा देवी, आदि महिलाएं उपस्थित थीं।