पहाड़वासी-उत्तराखंड में पलायन एक गंभीर समस्या बन गई है।पढ़े-लिखे डिग्री धारक युवा नाैकरी की तलाश में अपना गांव छोड़ने को मजबूर हैं।बता दें उत्तराखंड में पिछले 10 सालों में 5 लाख लोगों ने पलायन किया है,जिससे गांव के गांव खाली हो गए हैं। बीते 10 सालों में 5 लाख लोगों ने स्थायी और अस्थायी तौर पर गांव छोड़ा है। इनमें अकेले 42% ऐसे युवा शामिल हैं, जिनकी उम्र 26 से 35 साल के बीच है जो कि सबसे बड़ा चिंता का विषय है।ये आंकड़े ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उत्तराखंड द्वारा ग्राम पंचायतों में कराए गए सर्वे में सामने आए हैं, जिन्हें अर्थ एवं संख्या निदेशालय के आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में शामिल किया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, ग्राम पंचायतों में मुख्य व्यवसाय आज भी कृषि और मजदूरी ही बताई गई है।खासतौर पर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पलायन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।
आंकड़ों में ग्राम पंचायतों के प्रमुख व्यवसाय में 32.22% मजदूरी, 45.59% कृषि, 10.81% सरकारी सेवा के रूप में बताया गया है।
वहीं ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के सर्वे के अनुसार उत्तराखंड में बीते 10 साल में अस्थायी और स्थायी दो तरह का पलायन हुआ है। रोजगार के मकसद से 6338 ग्राम पंचायतों से 3 लाख 83 हजार 726 लोगों ने पलायन किया है।
सर्वे रिपोर्ट में इन्हें अस्थायी पलायन की श्रेणी में रखा गया है। वहीं, 3946 ग्राम पंचायतों को स्थायी पलायन की श्रेणी में रखा गया है। इन सभी ग्राम पंचायतों से 1 लाख 18 हजार 981 लोगों ने पलायन किया है। ये लोग गांव की अपनी पुस्तैनी जमीन बेचकर घरों में ताले लटकाकर गए और फिर कभी वापस नहीं आए।
दूसरी सबसे बड़ी बात आजीविका-रोजगार को लेकर देखी गई है- ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की सबसे बड़ी वजहों में अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा को भी गिना जाता है। लेकिन आयोग द्वारा किए गए सर्वे में उत्तराखंड के 50% लोगों ने पलायन की सबसे बड़ी वजह आजीविका/रोजगार की कमी को माना है।
वहीं 8.83% ने स्वास्थ्य सुविधा, 15.21% ने शिक्षा को वजह माना है।
सबसे अधिक युवा कर रहे पलायन
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में इन 10 सालों में जितना भी पलायन हुआ है, उनमें सबसे अधिक 26 से 35 साल के युवाओं की संख्या है। बेहतर शिक्षा और रोजगार की तलाश में इस उम्र के 42.25% युवाओं ने अपना गांव छोड़कर नजदीकी कस्बों, जिला मुख्यालयों, दूसरे जिलों, राज्य या देश से बाहर रुख किया है। इसके अलावा 25 साल से कम उम्र वाले 28.66% और 35 साल से अधिक उम्र वाले 29% लोग भी गांव से पलायन कर चुके हैं।