देहरादून-चारधाम यात्रा के पड़ावों के रेस्टोरेंट और ढाबों में श्रद्धालुओं को परोसे जा रहे भोजन में मिलावट पाई गई है। प्रदेश की मोबाइल खाद्य विश्लेषणशाला में ऋषिकेश से श्रीनगर तक चार दिनों में रेस्टोरेंट और ढाबों में लिए गए 255 खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट में 72 नमूने अधोमानक पाए गए हैं।इसकी रिपोर्ट खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त को भेज दी गई है। केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। इसके विभिन्न पड़ावों में पड़ने वाले रेस्टारेंट, होटल, ढाबों में भोजन की गुणवत्ता के प्रति श्रद्धालुओं की शिकायत रहती है।खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग राज्य में पहली बार चारधाम यात्रा के दौरान हरिद्वार, देहरादून, रुद्रपयाग, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली जिलों के पड़ावों में पड़ने वाले होटल में खाद्य पदार्थों की जांच करवा रहा है। रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला से नौ मई को मोबाइल खाद्य विश्लेषण वैन को चारधाम यात्रा के लिए रवाना किया था।
किसके कितने नमूने अधोमानक पाए गए
मिठाई : 56 नमूनों से 24
मसाले: 62 नमूनों में से 23
तेल : 12 नमूनों में से चार
दाल: 26 नमूनों में से नौ
दूध और दूध से बने उत्पाद: 35 नमूनों में से आठ
शीतल पेय, बिस्किट, आटा, चीनी, चायपत्ती: 61 खाद्य नमूनों में से चार
दाल में मिलावट से बच्चों के लकवाग्रस्त होने का खतरा
राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला के अनुसार अरहर और चने की दाल में खेसारी की दाल की मिलावट मिली है। इस मिलावटयुक्त दाल के सेवन से बच्चों के लकवाग्रस्त होने की आशंका रहती है। दूध में वसा और एसएनएफ की मात्रा मानक से कम मिली है। पनीर में डिटर्जेंट की मिलावट, मिठाई और मसालों में स्टार्च, कृत्रिम रंग और तेल में वनस्पति तेल की मिलावट मिली है।
वहीं उपायुक्त, राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला, रुद्रपुर डॉ. आरएस कठायत सैंपल के दौरान किसी नमूने में अधिक मिलावट की आशंका प्रतीत हो, तो उसका लीगल सैंपल लिया जा रहा है। इसके फेल होने पर मिलावटखोरों के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।