पिथौरागढ़-लिपुलेख से पर्यटकों को कैलाश पर्वत के दर्शन कराने की तैयारियां पर्यटन विभाग ने शुरू कर दी हैं। पर्यटक 17,500 फीट की ऊंचाई से कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे। इस स्थान तक पहुंचने के लिए सड़क से 1.8 किमी लंबे पैदल रास्ते को भी विकसित किया जाएगा।सीमा विवाद और कोरोना के समय से कैलाश मानसरोवर की यात्रा बंद है। कोरोना के कम होने के बाद यात्रा के शुरू होने की उम्मीद थी लेकिन चीन के साथ सीमा विवाद के कारण किसी तरह की बातचीत नहीं होने से यात्रा शुरू नहीं हो पाई। पर्यटनस विभाग ने स्थानीय लोगों की मदद से कैलाश के दर्शन भारतीय क्षेत्र से कराने का रास्ता ढूंढ लिया है। लिपुलेख से 1.8 किमी की खड़ी चढ़ाई पार कर कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं। इस स्थल से कैलाश पर्वत की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है।पर्यटन विभाग ने टीम के साथ इस पैदल रूट का निरीक्षण कर रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार, भारत सरकार और कुमाऊं मंडल विकास निगम को भेजी थी। अब पर्यटन विभाग भारतीय क्षेत्र से ही कैलाश पर्वत के दर्शन कराने की तैयारी कर रहा है। पहले लिपुलेख से पैदल रास्ते को ठीक किया जाएगा। इसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराए जाएंगे। यह कार्य पूरे होने के बाद यात्री भारतीय क्षेत्र से ही दर्शन कर पाएंगे।
सीमा विवाद के कारण व्यापार भी बंद
भारत और चीन का तकलाकोट मंडी में प्रतिवर्ष व्यापार चलता था। सीमा विवाद के बाद से व्यापार भी बंद है। वर्ष 2019 में व्यापार के बाद सामान तकलाकोट मंडी छोड़ आए भारतीय व्यापारियों का कहना है कि उनका करोड़ों रुपये का सामान फंसा हुआ है जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है।वहीं पर्यटन अधिकारी पिथौरागढ़ कीर्ति चंद्र आर्या ने बताया कि
भारतीय क्षेत्र से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत के दर्शन कराने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए रास्ते को विकसित किया जाएगा।