रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड में हाईवे स्थित डाटपुल के समीप दुकानों का संचालन कर रहे नेपाली मूल के अमर बोहरा और वीर बहादुर के परिवार के लिए बृहस्पतिवार की रात को पहाड़ी से गिरे बोल्डर और मलबा काल बनकर आया। दोनों परिवारों के दस लोग मलबे-बोल्डर के साथ नदी में बह गए।शुक्रवार को दिनभर उनकी खोज होती रही लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं लग पाया है। ये दोनों परिवार किराए पर दुकान लेकर उसका संचालन करते थे। साथ ही उन्होंने अन्य कुछ लोगों को यहां रोजगार भी दे रखा था।अमर बोहरा पत्नी अनीता बोहरा और अपने पांच बच्चों राधिका व पिंकी, पृथ्वी, जटिल और वकील के साथ गौरीकुंड में लंबे समय से रह रहा था। इस वर्ष अमर ने डाटपुल के समीप दुकान किराए पर ली थी। जबकि वीर बहादुर पत्नी सुमिता और पुत्री निशा के साथ यहां ढाबा चलाता था।यात्राकाल में दुकानें रात 12 बजे तक खुली रहती हैं लेकिन इन दिनों यात्रा धीमी पड़ने पर दुकानें जल्दी बंद हो जाती हैं। बृहस्पतिवार रात को भी लगभग 10.15 बजे अमर और वीर बहादुर का परिवार दुकान बंद कर सोने चला गया।रात 11 बजे से क्षेत्र में मूसलाधार बारिश शुरू हुई और रात लगभग 11.30 बजे तेज आवाज के साथ पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर सड़क किनारे दुकान व ढाबे पर गिरा और मलबे के साथ नदी में जा गिरा। तेज आवाज सुनकर स्थानीय कुछ लोग मौके पर पहुंचे तो दुकान व ढाबे का कहीं कोई निशान नहीं मिला।व्यापार संघ के अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी कहते हैं अमर बोहरा और वीर बहादुर के परिवार में दस सदस्य थे। बोल्डर-मलबा इतनी तेजी से आया कि परिवारों को किसी को सूचना देने का मौका भी नहीं मिल पाया।