उत्तरकाशी-राज्य बनने के 22 वर्ष बाद भी पुरोला ब्लॉक के सुदूरवर्ती बडियार क्षेत्र के आठ गांव के लोग स्वास्थ्य व सड़क जैसी मुलभूत सुविधाओं का दंश झेल रहे हैं। 52 वर्षीय शकुन्तला देवी एक हफ्ते से बीमार होने के बाद भी उसे क्षेत्र में जब प्राथमिक उपचार नहीं मिला तो ग्रामीणों को 12 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ी।ग्रामीण बीमार महिला को डंडी पर बिठाकर डिंगाडी गांव से 12 किलोमीटर पैदल चलकर सरनोल पहुंचे। सोमवार को देहरादून ले जाते समय महिला के परिजनों ने बताया कि 52 वर्षीय शकुंतला देवी एक सप्ताह से उल्टी दस्त व बुखार से पीड़ित थी। कई प्रकार के घरेलू उपचार करने के बाद भी जब महिला को आराम नहीँ हुआ। उन्होंने बीमार महिला को डंडी पर 12 किमी पैदल मार्ग से सड़क तक पहुंचाया। जहां से परिजन उन्हें सीधे देहरादून ले गये। समाजिक कार्यकर्ता कैलाश रावत, शैलेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि आजादी के सात दशक बाद भी बडियार क्षेत्र के सर, डिंगाड़ी, गोठुका, पौंटी, किमडार, लेवटाड़ी सहित आठ गांव शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क जैसी मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।उन्होंने कहा कि इससे पूर्व कई बार बीमार व्यक्तियों को डंडी पर बिठाकर ले जाया जाता है। कई बीमार लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही दम तोड़ देते है। उन्होंने बताया कि गांव में किसी के बीमार होने पर उनको प्राथमिक उपचार तक नहीं मिल पाता है।