रुद्रप्रयाग-विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में जखोली ब्लाक के अंतर्गत ग्राम सुमाड़ी में आयोजित नेत्र शिविर में 56 ग्रामीणों के नेत्रों की जांच की गई, जिसमें से 22 को निःशुल्क चश्में बांटे गए व मोतियाबिंद के लक्षण मिलने पर 03 को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में बच्चों में मोबाइल के अत्याधिक इस्तेमाल करने के व्यवहार को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए नेत्र सुरक्षा के दृष्टिगत इसका संभलकर इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया।
विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पंचायत भवन सुमाड़ी में नेत्र जांच शिविर व जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। शिविर में 56 ग्रामीणों के नेत्रों की जांच कर उन्हें दवा वितरित की गई। साथ ही 22 ग्रामीणों को चश्में वितरित किए गए। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में नेत्र सहायक राजेश पुरोहित द्वारा ग्रामीणों को नेत्र सुरक्षा को लेकर जरूरी जानकारी भी दी गई। वहीं, राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के अंतर्गत 08 बुजुर्ग ग्रामीणों को निःशुल्क छड़ी वितरित की गई। साथ ही बुजुर्गों के व्यायाम हेतु ग्राम प्रधान उमेद सिंह को गांवों के बुजुर्गों के लिए निःशुल्क 01 व्हील पुली व 01 एक्सारसाइज पैडल साइकिल उपकरण सौंपी गई। इस इस अवसर पर 20 ग्रामीणों की आभा आईडी बनाई गई। अधिकांश ग्रामीणों का आधार नंबर उनके मोबाइल नंबर के साथ लिंक नहीं होने पर उनको अपने आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने की सलाह दी गई।
वहीं, कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में आयेजित गोष्ठी में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 विमल सिंह गुसाईं ने कहा कि मौजूदा दौर में मोबाइल का उपयोग सभी के लिए जरूरत बन गया है, नौकरी पेशा व्यक्ति हां या कामकाजी लोग या फिर स्कूली छात्र, सभी लोग अपनी-अपनी जरूरतों के लिए मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग करते हैं। वहीं बच्चों में मोबाइल पर सोशल मीडिया की व्यस्थता व गेम खेलना लत के रूप में भी देखा जा रहा है। घंटो मोबाइल, टैबलेट या कम्प्यूटर की स्क्रीन पर टकटकी लगाए बैठे रहने की आदत आंखों की सेहत को खराब कर रही है। उन्होंने बच्चों में मोबाइल व कंम्यूटर का हद से ज्यादा उपयोग करने की आदत को बदलने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आंखों की देखभाल के प्रति जागरूक होने के उद्देश्य के साथ विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन किया जाता है।
कहा कि अच्छी दृष्टि के लिए स्वस्थ आहार लेने, हरी पत्तेदार सब्जियों को भोजन में शामिल करने व नियमित आंखों का व्यायाम करने, दृष्टि को नुकसान पहुंचाने वाली धू्रमपान की आदत को छोड़ने, आंखों की नियमित जांच कराने, नजदीक या दूर की वस्तु सही न दिखाई देने पर डाक्टर से जांच कराने, आंखों में खुजली, जलन या संक्रमण होने पर जल्दी से उपचार कराने, आंखों में कुछ पड़ने की स्थिति में तुरंत डाक्टर के पास जाने व बिना डाक्टर की सलाह के कोई भी दवा आंखों में न डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि उचित समय पर उपचार करने से ज्यादातर मामलों में अंधता और नजर की खराबी उपचार योग्य होते है। बताया कि सरकारी चिकित्सालयों में मोतियाबिंद का निःशुल्क उपचार किया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, शिकायत या परामर्श हेतु निःशुल्क हेल्पलाइन 104 पर संपर्क किया जा सकता है।
कार्यक्रमों में डीसी पीसीपीएनडीटी डा0 मनवर सिंह रावत, सोशल वर्कर दिगपाल कंडारी, आरकेएसके काउंसलर विपिन सेमवाल, आशा कार्यकर्ती सरस्वती देवी आदि मौजूद रहे।