गोपेश्वर-चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर में अब तीर्थयात्रियों को पेयजल की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। वन मंत्रालय से वन भूमि की स्वीकृति मिलने के बाद जल निगम ने रुद्रनाथ पेयजल योजना का निर्माण काम शुरू कर दिया है। 12 साल तक योजना का काम वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया पर अटका रहा था। जल निगम के अधिकारियों ने आगामी वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू होने तक पेयजल योजना का काम पूरा करने का दावा किया है।
वर्ष 2011 में रुद्रनाथ पेयजल योजना को स्वीकृति मिली थी। इसके लिए शासन से जल निगम को 33 लाख रुपये की धनराशि मिली लेकिन केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के सेंचुरी एरिया में होने के कारण योजना का काम शुरू नहीं हो पाया। यहां अभिषेक के लिए भक्तों को एक किमी दूर से पानी लाना पड़ता था। जल निगम के अधिशासी अभियंता वीके जैन ने केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में लगातार पत्राचार किया, जिसके परिणाम स्वरूप योजना के निर्माण को स्वीकृति मिल गई। रुद्रनाथ के हक-हकूकधारी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह रावत, सत्येंद्र सिंह रावत और महेंद्र सिंह राणा ने कहा कि चारधाम यात्रा में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को रुद्रनाथ में अब पानी की समस्या नहीं झेलनी पड़ेगी। जल निगम के ईई वीके जैन ने बताया कि पेयजल योजना का काम शुरू कर दिया गया है। आगामी वर्ष मई माह तक पेयजल योजना पर काम पूरा कर लिया जाएगा।