ब्यूरो-भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि 13 महीने पहले हुए भयावह कार हादसे के बाद उन्हें अपना दाहिना पैर गंवाने का डर था। पंत दिसंबर 2022 में दिल्ली से अपने घर रूड़की जा रहे थे जब उनकी कार सड़क के बीच डिवाइडर से टकरा गई। उन्होंने एक सीरिज ‘बिलीव: टू डैथ एंड बैक’ में हादसे को याद करते हुए कहा- अगर कोई नस क्षतिग्रस्त होती तो पैर गंवाने का डर था। मैं उस समय डर गया था। मेरे दाहिने घुटने की हड्डी खिसक गई थी और काफी दर्द हो रहा था। वहां आसपास कोई था तो मैंने पूछा कि पैर को वापिस जगह पर लाने में मदद कर सकता है। उसने मेरे घुटने को सही जगह पर पहुंचाने में मदद की।
दो शख्स रजत कुमार और निशु कुमार ने पंत को उनकी एसयूवी से निकाला। कार में बाद में आग लग गई थी। पंत ने कहा- जीवन में पहली बार ऐसा डर महसूस हुआ। हादसे के समय चोट के बारे में तो पता था, लेकिन मैं खुशकिस्मत था क्योंकि यह और गंभीर हो सकती थी।पंत का शुरूआती इलाज देहरादून में हुआ जिसके बाद उन्हें हवाई जहाज से मुंबई ले जाया गया जहां बीसीसीआई ने विशेषज्ञ से उनका इलाज कराया। दाहिने घुटने के सभी तीनों लिगामेंट के ऑपरेशन के बाद पंत ने बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन शुरू किया। पंत मार्च में आईपीएल के जरिए वापसी कर सकते हैं।
पंत ने कहा कि अब हर कोई उन्हें गाड़ी चलाने के लिए मना कर रहा है। उन्होंने कहा-अब मुझे कहा जा रहा है कि ‘यार बिलकुल गाड़ी नहीं चलाना’। लेकिन कोई भी मुझसे ज्यादा डरा नहीं था। मैं अब भी गाड़ी चलाऊंगा क्योंकि मुझे गाड़ी चलाना पसंद है। एक हादसा हो गया तो इसका मतलब यह नहीं कि तुम उन चीजों को फिर दोबारा नहीं करोगे। पंत ने कहा कि वह करीब एक महीने तक बिस्तर पर रहे और सामान्य चीजें करने के लिए परेशान थे। उन्होंने धीरे धीरे घूमना शुरू कर दिया था।उन्होंने कहा- मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे अपने दांत साफ करना इतना अच्छा लगेगा। जब मैं नहाने गया तो मैं ‘बाथ टब’ से निकलना ही नहीं चाह रहा था। इन छोटी छोटी चीजों में मुझे खुशी मिली क्योंकि मैं भाग्यशाली था कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली। हर कोई दूसरी जिंदगी मिलने के लिए भाग्यशाली नहीं होता।