श्रीनगर–
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्विद्यालय की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर ‘नशा मुक्त भारत बनाने में महिलाओं की भूमिका’ के विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया।वेबिनार में गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निष्ठा जसवाल,गढ़वाल विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण व कार्यक्रम संयोजक प्रो. महावीर सिंह नेगी विभिन्न संकाय अध्यक्ष, निदेशक तथा ब्रह्मकुमारी संस्था से ब्रह्म कुमार मेहर चंद व अन्य बुद्धिजीवी जुड़े।
वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निष्ठा जसवाल ने कहां कि, आज हमारा देश विश्व पटल पर एक नयी पहचान बना रहा है हमारे देश को और आगे ले जाने के लिए युवाओं को नशे की जद में आने से हमें बचाना होगा। आज पंजाब जैसे कई ओर राज्यों के युवाओं कि स्थिति चिंता जनक हैं। ऐसे में मातृ शक्ति की भूमिका इन युवाओं को नशे से मुक्त करने में अहम हो सकती है। यदि मातृ शक्ति संकल्पित हो जाए तो निश्चित रूप से हमें सफलता मिलेगी। उन्होंने अपनी स्व रचित कविता के माध्यम से नशा मुक्त भारत का संदेश दिया।
इस बेविनार में गढ़वाल विवि कि कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहां कि, नशे के खिलाफ महिलाओं कि भूमिका अहम रही है हमारे विश्वविद्यालय में नशा मुक्त के खिलाफ हम विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को जागरूक करते आए हैं। उत्तराखंड में नशे के खिलाफ यहा की महिलाएं आंदोलन रत रही है। जब भी कहीं शराब को बढ़ावा दिया जाता है तो यहाँ की महिलाएं सबसे पहले उसके विरोध में उतर जाती है।
वहीं कार्यक्रम के संयोजक गढ़वाल विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एम. एस नेगी ने वेबिनार में मौजूद सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय कि, प्रेरणा से विवि के डीएसडब्ल्यू बोर्ड,नियंता बोर्ड,योगा विभाग तथा शारिरीक शिक्षा विभाग की ओर से समय – समय पर नशे व मादक पदार्थो के खिलाफ जागरूकता के लिए वेबिनार,सेमिनार व विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किये जाते हैं।
इस बेविनार में ब्रह्म कुमारी संस्था से ब्रह्म कुमार मेहर चंद भी मौजूद रहे उन्होंने कहा कि, भारत आध्यात्मिक भूमि रही है। लेकिन देशभर में व्यसनों की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। जोकि भारत के विश्व गुरु बनने के रास्ते में रोड़ा अटकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहाँ कि, देश में कई वर्ष पूर्व स्त्री प्रथा,छुवा- छूत जैसी कुप्रथाएं थी। जिन के लिए उस समय के बुद्धिजीवी लड़े। आज वैसी प्रथा नेश की भी बन गई है जिसको खत्म करने के लिए सबको आगे आना होगा तभी यह खत्म हो सकता है। इस मौके पर प्रो. ए. ए. बौड़ाई, निदेशक गढ़वाल विवि टिहरी परिसर कहां कि,यह एक कटु सत्य है कि नशीले पदार्थों के सेवन से पीड़ित व्यक्ति को पारिवारिक एवं सामाजिक अलगाव और लोगों की उपेक्षा का सामना करना पड़ता है। नशा मुक्त भारत के लिए समाज की भागीदारी भी महत्वपूर्ण हो जाती है।वहीं इस बेविनार में विश्वविद्यालय के संकाय अध्यक्ष, निदेशक, विभागाध्यक्ष,शिक्षक समेत बड़ी संख्या में विवि कि छात्र – छात्राएं आदि मौजूद रहे।