चमोली –
ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का जनपद चमोली के माँ काली मंदिर कुलसारी, बद्रीनारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली थराली में पहुंचने पर लोगो ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। चमोली मंगलम यात्रा पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का धर्मावलंबियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने अपने कार्यक्रम व जनपद चमोली में अपने भ्रमण का उद्देश्य बताते हुए कहां की वे जन चेतना और प्रदेश वासियों की सुख शान्ति की कामनाओं के साथ 108 मन्दिरों के दर्शन और आम नागरिक तक पहुँचने का प्रयास कर रहे है वही उन्होंने सरकारों द्वारा धार्मिक मान्यताओं का सरकारी करण किए जाने पर दुख प्रकट किया उन्होंने कहा कि चमोली का नाम शास्त्रों के अनुसार चन्द्रमाेली है, जो भगवान का साक्षात स्वरूप है। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि विश्व की कल्याण की बात करने से पहले भगवान विष्णु की धरती चमोली से की जाय। उन्होंने कहा कि उनका कार्यक्रम एक तरह से एक सर्वे है। वे जानना चाहते हैं कि जनपद चमोली के लोग क्या सोचते हैं कि ऐसा कौन सा कार्य किया जाय जिसमें वे अपने मंगल की कामना करते हैं। क्या करने से उनको लगेगा कि उनका मंगल हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले जनपद चमोली का मंगल करना है। इसके लिये लोगों की राय लेने का काम किया जा रहा है।
चमोली मंगलम यात्रा में शंकराचार्य अविमूक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के सांथ ब्रह्मचारी मुकुदानंद, पूर्व धर्माधिकारी जगदम्बा सती,अपर धर्माधिकारी कुशला नंद बहुगुणा, डिमरी धार्मिक केन्द्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ,अखिलेश डिमरी प्रवीण नोटियाल, अभिषेक बहुगुणा, आदि चल रहे हैं।वही मंदिर समिति के अध्यक्ष गजपाल सिंह भंडारी, ग्राम प्रधान मनीष सती, व्यापार संघ अध्यक्ष महिपाल सिंह भंडारी, खिलाफ सिंह बिष्ट, भंडारी गोविंद सिंह भंडारी, सुजान सिंह बिष्ट, बद्रीनारायण संस्कृत विद्यालय के प्रबंधक नवीन जोशी, महिला व्यास राधिका जोशी, प्रेम बुटोला,शौर्य प्रताप रावत आदि मौजूद थे।