श्रीनगर,गढ़वाल। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार फिलहाल अमरनाथ की यात्रा रोकने की सोचे।शंकराचार्य ने कहा कि अमरनाथ यात्रा का व्यावहारिक प्रभाव कश्मीर के लोगों के ऊपर जाता है। पहले से ही सतर्कता बरती जाये ताकि किसी भी दूषित विचारधारा वाले व्यक्ति को गड़बड़ करने का मौका ही न मिल सके। चारधाम यात्रा कपाट खुलने के अवसर पर ज्योतिर्मठ की ओर निकलने से पूर्व शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शनिवार को बद्रीकेदार मंदिर समिति धर्मशाला श्रीनगर में पत्रकारों से मुखातिब हुए। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पहलगाम आतंकी हमले में हिन्दूओं को नाम पूछ कर गोली मारने के कृत्य पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी कोई तो शक्ति है जो देश में बहुसंख्यक हिन्दुओं को चुनौती देने का काम कर रही है। ऐसी शक्तियों के चुनौती देने के पीछे के तात्पर्य को समझकर एक्शन लेने की जरुरत है। सभी हिन्दूओं को अपनी क्षमता को विकसित करने की जरूरत है तभी आत्मरक्षा के साथ हिन्दू सनातन धर्म की रक्षा कर सकेंगे। कहा कि यदि हम ऐसे करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं तो ये हमारी कमजोरी होगी। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि पहले से ही व्यवस्थाओं को लेकर विचार किया जाय ताकि श्रद्धालु सुगम आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकें। मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ धाम में चल रहें पुनर्निर्माण कार्यों पर शंकराचार्य ने कहा कि तीर्थ और देवस्थानों को न छेड़ा जाय। कहा कि कई बार सूचनायें मिलती हैं कि धाम में चल रहे कार्यों से तीर्थ और देवस्थानों को बाधा पहुंचती है। इस ओर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरुरत है।

सरकार चुनाव प्रचार में व्यस्त
पहलगाम आतंकी हमले पर केन्द्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे ऑपरेशन पर शंकराचार्य ने कहा कि सरकार तो चुनाव प्रचार में व्यस्त है। देश के प्रधानमंत्री बिहार में जाकर प्रचार कर रहे हैं। हमले के बाद भी देश के राज्यों में अलग-अलग सरकारें अपने-अपने निर्धारित कार्यक्रमों को निरस्त नहीं कर पाई हैं। कहा कि 48 घंटे से अधिक समय बीत गया है,अभी तक भारत सरकार की ओर से दिवंगतों के लिये औपचारिक प्रार्थना तक नहीं की गयी है। घटना के आचरण से लग रहा है कि हमें खुद तैयारी करनी होगी। कहा कि हमारे लिये रोने वाला भी कोई नहीं है और कुछ करने वाला तो दूर की बात है। पूरे देश में बस माहौल बनाया जा रहा है लेकिन कोई सरकार से पूछने वाला तक नहीं है कि जब सभी सूत्र आपने हाथ में लिये थे तो यह सब घटना हुई कैसे? शंकराचार्य ने कहा कि पुलवामा में हुई भीषण घटना के बाद सरकार ने कहा था कि अब दुबारा किसी की हिम्मत नहीं होगी लेकिन आतंकियों ने दुबारा हिम्मत की है। अभी सब विवश हैं पहले सेना के जवानों को मारा गया अब आम लोगों को उनका धर्म पूछ कर मारा जा रहा है। इसलिये सभी हिन्दूओं को तैयारी के साथ रहने की जरूरत है। सिंधु नदी के पानी रोकने पर शंकराचार्य ने कहा कि उन्होनें विशेषज्ञों से जब पानी रोकने के उपाय पूछे तो संतुष्ट जवाब नहीं मिला।जानकारों से पूछा तो उन्होंने बताया कि व्यवस्था बनाने में करीब 15 से 20 साल का समय लगेगा और खर्च का कोई अनुमान नहीं है।कहा कि सिंधु नदी के पानी रोकने पर सरकार की कोई तैयारी नहीं है। जब से उन्होनें सिंधु नदी पर अपना वक्तव्य दिया है तब से कोई भी उनकी बातों का प्रमाणिक जवाब देने की बात नहीं कर रहा है। शंकराचार्य ने कहा कि पूर्व में सरकार द्वारा तैयारी की गई होती तो आज व्यवस्था सामने होती लेकिन यह सब कल्पना करने वाली बातें मीडिया के माध्यम से देश की जनता को बताई जा रही हैं। कल्पना से हकीकत की समस्याओं को नहीं निपटा जा सकता है।शंकराचार्य ने सरकार से धरातल पर उतरकर ठोस जवाब देने की बात कही।
गौ माता की रक्षा के लिये देशभर में रामाधाम का होगा निर्माण
श्रीनगर। शंकराचार्य ने निराश्रित सडकों पर घूम रही गौ माता की सुरक्षा को लेकर देशभर में 3 लाख रामाधाम के निर्माण की बात कही। कहा कि 33 कोटि देवी देवताओं से सृजित गौ माता को सम्मानजनक स्थिति देने के लिये अब राजनीतिक इच्छाशक्ति पैदा करने का निर्णय लिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में 70 विधानसभाओं में रामाधाम के तहत 100 गौ माता के रहने की व्यवस्था बनाने की योजना है। कहा कि पहला रामाधाम बद्रीनाथ धाम के लिये समर्पित किया जायेगा। देशभर की 4123 विधानसभा क्षेत्रों में रामाधाम का निर्माण करवाया जायेगा।