थराली (चमोली)-
एक बार फिर सिस्टम की लापरवाही ने आम जनता को मुश्किलों में डाल दिया है।थराली को रतगांव से जोड़ने वाला ढाढरगाड़ पुल,जो कि अब तक निर्माणाधीन था,दिनदहाड़े टूटकर नदी में समा गया।करीब 60 मीटर लंबा यह पुल रतगांव की चार हज़ार से अधिक आबादी के लिए जीवन रेखा जैसा था,लेकिन निर्माण पूरा होने से पहले ही पुल धराशायी हो गया।
थराली के रतगांव को जोड़ने वाला निर्माणाधीन वैली ब्रिज झटके में टूट कर गिर गया। बीते एक माह से 60 मीटर स्पान का यह पुल तैयार किया जा रहा था। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग में अनुभव हीन अधिकारियों के चलते ऐसा हुआ है। दरअसल, थराली के रतगांव को जोड़ने वाला मोटर पुल कुछ सालों पहले प्रणमति नदी की चपेट में आने से बह गया था। ऐसे में यहां से आवाजाही करना स्थानीय लोगों के लिए मुश्किल हो गया था. बरसात के दिनों में तो मुश्किल और बढ़ जाती है. ग्रामीण एक तरह के अपने गांव में ही कैद होकर रह जाते है। ग्रामीणों की माने तो वो बीते दो सालों से पुल बनवाने के लिए शासन-प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के चक्कर लगा रहे थे, तब कही जाकर वैली ब्रिज का काम शुरू हुआ था, लेकिन 60 मीटर लंबा वैली ब्रिज काम शुरू होते ही टूट कर गिर गया. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात से पहले पुल तैयार नहीं हुआ तो उन्हें बड़ी मुश्किल होगी. क्योंकि इसी पुल के सहारे वो अपने गांव में आवाजाही कर सकते है. यह वैली ब्रिज प्राणमती नदी पर घटगाड़ में बन रहा था। वहीं, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता जगदीश कुमार टम्टा ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्माणाधीन वैली ब्रिज का काम चल रहा था। मजदूरों की गलती के चलते यह वैली ब्रिज टूट गया है। इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। जल्द ही वैली ब्रिज का कार्य एक दो दिन में शुरू किया जाएगा।