रुद्रप्रयाग: जनपद में बरसाती सीजन में कुल 90 पेयजल योजनाओं को भारी क्षति पहुंची है। इन योजनाओं से लगभग एक करोड़ से अधिक की क्षति आंकी गई है। हालांकि संस्थान की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पानी सप्लाई की गई। स्थायी व्यवस्था के लिए संस्थान की ओर से स्टीमेंट तैयार कर प्रशासन को भेज दिया गया। अब तक मात्र पांच योजनाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति मिली है। शेष योजनाओं के लिए अभी बजट मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
प्रतिवर्ष मानसून जून से शुरू होकर सितम्बर प्रथम सपताह तक चलता है। बारिश के चलते प्रतिवर्ष बरसाती सीजन में सड़क, स्कूल, नहर, पैदल मार्ग समेत विभिन्न सरकारी संपत्तियों को बड़ी मात्रा नुकसान पहुंचता है। वैसे संबधित विभागों की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था के तौर इन योजनाओं को ठीक किया जाता है, लेकिन बाद में आपदा मद में योजना का प्रस्ताव बनाकर क्षतिग्रस्त योजनाओं को स्थायी तौर पर ठीक करवाया जाता है। जल संस्थान रुद्रप्रयाग की 90 पेयजल योजनाएं जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गई थी। जनपद के कई स्थानों पर पुस्ते टूटने के साथ ही भूस्खलन की जद में आने से संस्थान की इन योजनाओं से 1 करोड़ से अधिक का नुकसान आंका गया है। जनपद के ऊखीमठ, जखोली एवं अगस्त्यमुनि ब्लाक में पेयजल योजनाओं को नुकसान हुआ है। इसमें 10 योजनआों को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि 80 योजनाओं को आंशिक नुकसान हुआ है। हालांकि संस्थान की ओर से वैकल्पिक तौर पर इन योजनाओं पर पानी का संचालन किया जा रहा है। संस्थान ने अधिक नुकसान वाली 10 योजनाओं का प्रस्ताव आपदा मद में तैयार डीएम कार्यालय भेज दिया है, जिनमें से 5 योजनाओं को बजट की स्वीकृति मिल चुकी है। जिन पर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। जबकि अांशिक रूप से क्षतिग्रस्त 80 योजनाओं को जल संस्थान निदेशालय से बजट मुहैया कराया जाएगा। यदि समय रहते योजनाअों के लिए समय पर बजट मुहैया नहीं हो पाता है, तो स्थायी मरम्मत के अभाव में संबंधित गांवों में ग्रामीणों को पेयजल की समस्याएं पैदा हो सकती है।वहीं अधिशासी अभियंता, जल संस्थान रुद्रप्रयाग संजय सिंह ने बताया कि जनपद में बारिश के चलते कुल 90 पेयजल योजनाओं को क्षतिग्रस्त पहुंची है। इन योजनाओं से एक करोड़ से अधिक रूपए का नुकसान आंका गया है। योजनाओं के स्टीमेट तैयार कर डीएम कार्यालय को भेजे जा रहे है। अभी पांच योजनाओं को बजट मुहैया हुआ है। शेष योजनाओं के लिए बजट मुहैया होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।