चमोली/पंचकेदारों में चतुर्थ केदार के दर्शनों को प्रतिदिन 200 से अधिक तीर्थयात्री रुद्रनाथ धाम पहुंच रहे है,जबकि सौ से अधिक व्यापारी, हक-हकूकधारी व तीर्थ पुरोहित यात्रा सीजन के दौरान धाम में स्थायी रूप से रह रहे हैं।बाबा रुद्रनाथ के कपाट 19 मई को खुले थे और अभी तक 5500 से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शन कर चुके हैं।
वहीं रुद्रनाथ धाम में पेयजल की समस्या ने दिक्कतें खड़ी कर रखी हैं, तीर्थ यात्री समेत,स्वयं पुजारी भी पानी की समस्या से त्रस्त हैं।स्थिति यह है कि पुजारी को धाम से एक किमी दूर स्थित तालाब से पानी लाकर अपनी गुजर-बसर करनी पड़ रही है।इसी वजह से बाबा रुद्रनाथ के दर्शनों को आने वाले तीर्थ यात्री व्यवस्थाओं पर बारम्बार सवाल उठाते हुए दिखते हैं।हालांकि अब बीते दस सालों से वन्यजीव विहार के नियम-कायदों से फंसी पेयजल योजना को स्वीकृति मिलने से पेयजल की समस्या के निदान की आस जगी हुई है।
आपको बता दें पेयजल निर्माण निगम ने वर्ष 2011 में तीन किमी लम्बी रुद्रनाथ मंदिर पेयजल योजना का प्रस्ताव तैयार किया था,लेकिन जैसे ही पेयजल लाइन बिछाने को पाइप पहुंचे तब तक एनओसी में नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड में मामला अटक गया।नतीजा यह रहा कि योजना अभी तक अधर में लटकी पड़ी है।अब बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद ही बाबा रुद्रनाथ के लिये प्रस्तावित पेयजल योजना के अस्तित्व में आने की उम्मीद जगाई जा सकती है।