नैनीताल-उत्तराखंड के जोशीमठ मे लगातार बढ़ रही दरारें व भूस्खलन की तरह ही नैनीताल की पहाड़ियां व सड़कों पर भी पड़ी दरारें खतरे का संकेत दे रही है,
विश्व में प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल में लगभग 10 से 15 साल के बीच में चौतरफा खतरा बढ़ रहा है, समय रहते अगर सरकार नहीं चेता और पहाड़ियों का ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो यहां भी हालात बिगड़ सकते हैं।
नैनीताल की सुरक्षा के लिए ब्रिटिश काल में ही अंग्रेजों ने ड्रेनेज सिस्टम बना दिया था, लेकिन अब झील में गिरने वाले नाले बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की चपेट में हैं।
वहीं जिला प्रशासन ने बलिया नाला ट्रीटमेंट कार्यों को देखते हुए जीआईसी को अन्यत्र शिफ्ट करने की योजना बनाई है, शहर की माल रोड पर वाहनों का लगातार बढ़ता दबाव लगातार खतरा बना हुआ है ,वही लोअर माल रोड में 2007- 8 में भी दरार पड़ी थी और सड़क धसकर झील में समा गई थी, इसके बाद 2008 में भी लोअर माल रोड का 25 मीटर हिस्सा टूटकर झील में समा गया था।
लोक निर्माण विभाग द्वारा अस्थाई ट्रीटमेंट तो किया गया मगर रोड में दरारे कम नहीं हो रही है ,अब लोक निर्माण विभाग ने ट्रीटमेंट के लिए करीब चार करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा है लेकिन शासन से अब तक बजट नहीं मिल सका है।
वही कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का कहना है कि नैनीताल में वाहनों का दबाव कम करना ही होगा, दीर्घकालिक योजना के तहत शहर से बाहर रानी बाग तक पार्किंग बनानी होगी, ग्रीन बेल्ट व सुरक्षित क्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबंध है और जो भी इन क्षेत्रों पर निर्माण करता है तो उसे तत्काल सीज किया जाएगा, वही पहाड़ियों के ट्रीटमेंट के लिए बजट दिलाया जाएगा।