श्रीनगर गढ़वाल-ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती श्रीनगर गढ़वाल पहुॅचे। यहॉ उन्होनें बताया कि जोशीमठ को बचाने के लिए आध्यात्मिक तरीका भी अपनाया जा रहा है। आगामी 100 दिनों तक जोशीमगठ में धार्मिक अनुष्ठान किये जायेंगे।
वहीं उन्हेोनें कहा कि जोशीमठ आपदा में जिन प्रभावितों को शिफ्ट किया गया है उन्हें उसी प्रभावित क्षेत्रों में ही सेल्टर होम में रखा गया है। ऐसे में अगर किसी दिन दुर्घटना हो जाती है तो उसकी चपेट में सभी आयेंगे। ऐसे में सरकार को प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना चाहिए। वहीं जोशीमठ के अलावा अन्य क्षेत्रों में बड़ी परियोजनाओं के कारण पड़ रही दरारों पर भी शंकराचार्य ने कहा कि अनियोजित विकास के कारण इस तरह के हालात उत्तराखण्ड़ में पैदा हो गये हैं। जरूरत है कि विकास परियोजनाओं का आकलन किया जाये उसके बाद उन्हें पहाड़ों में शुरू किया जाये।