रुद्रप्रयाग-नगर मुख्यालय स्थित पुंडेश्वर महादेव मंदिर में 11 दिवसीय शिव महापुराण का भव्य जल कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हो गया। अलकनंदा नदी किनारे से 151 जल कलशों के साथ बड़ी संख्या में भक्तों ने कलश यात्रा निकाली।
भगवान शिव के जयघोषों के साथ कलश यात्रा मंदिर परिसर में पहुंची जहां कलश और पंचांग पूजन के साथ कथा का शुभारंभ किया गया।रविवार को मुख्यालय स्थित प्राचीन पुंडेश्वर महादेव मंदिर पुनाड़ में शुरू हुए ग्यारह दिवसीय शिव महापुराण अनुष्ठान शुरू होने से पूर्व भव्य जल कलश यात्रा निकाली। पुराने विकास भवन के समीप अलकनंदा नदी से १५१ कलशों में जल भरकर यात्रा का शुभारंभ किया गया। जो मुख्य बाजार होते हुए पुंडेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। जहां भक्तों द्वारा कलशों में लाए गए जल से भगवान शिव का अभिशेख किया गया।
इसके पश्चात कलश पूजन, पंच पूजन, शिव स्तूति व ३३ कोटी देवी देवताओं के आह्वान के बाद कथा का विधिवत शुभारंभ किया गया। भक्तों को शिव महापुराण कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास आचार्य दीपक नौटियाल ने कहा कि शिव महापुराण ऐसी कथा है जिसका श्रवण मात्र ही मनुष्य को मुक्ति प्रदान करता है। इसके आयोजन और नियमित श्रवण से हमें जन्म जन्मों के फल की प्राप्ति होती है।
इस मौके पर पांडव नृत्य एवं शिव समिति के अध्यक्ष प्रकाश भारती ने नगर की सम्पूर्ण जनता से अधिक से अधिक संख्या में आकर इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होकर पुण्य अर्जित करने का आह्वान किया है। इस मौके पर रामचन्द्र नौटियाल, चन्द्रप्रकाश सेमवाल, दिनेश चन्द्र सेमवाल, कमलेश्वर प्रसाद सेमवाल, अनिल सेमवाल, विनोद सेमवाल, सभासद लक्ष्मण कप्रवान, हरीश गिरी, कालिका सेमवाल, शैलेंद्र गोस्वामी भारती, विक्रम कप्रवान, सभासद सुरेंद्र रावत, व्यापार संघ अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।