अल्मोड़ा-पशुपालन को किसानों की आय का बेहतर जरिया बता इससे उनकी आया दोगुनी करने के दावे हो रहे हैं लेकिन जिले में किसानों को दूध का उचित बाजार नहीं मिल पा रहा है। हालात यह हैं कि सल्ट विकासखंड में 10 दुग्ध समितियों पर ताले लटक गए हैं। प्रोत्साहन राशि और सामग्री का खर्च न मिलने से सचिवों ने दूध एकत्र करना बंद कर दिया है जिसकी सीधी मार उत्पादकों पर पड़ रही है। जीतोड़ मेहनत करने के बाद दूध गांवों में डंप हो गया है जिससे किसान परेशान हैं।सल्ट विकासखंड के थला, नदोली, करगेत, थलमाड़, देवालय, बैला, पोखरी, शकरखोला, मवलगांव, जसपुर कोट में दुग्ध समितियां खोली गईं थीं जिनके माध्यम से क्षेत्र के 300 से अधिक किसान दूध बेचकर अपनी आजीविका चला रहे थे। यहां से पांच वर्ष पूर्व तक 500 लीटर से अधिक दूध दुग्ध संघ अल्मोड़ा पहुंचता था लेकिन समय पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान न होने और दुग्ध संग्रह में जरूरी लीटर, केन सहित अन्य सामग्री न मिलने से सचिवों ने समितियां बंद कर दीं। माहभर में सल्ट की सभी समितियों में ताले लटक गए हैं। ऐसे में किसान दूध नहीं बेच पा रहे हैं और यह गांवों में ही डंप हो गया है जिससे उन्हें खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है।