रुद्रप्रयाग-केदारनाथ यात्रा मानसून के दस्तक पड़ने से पहले धीमी हो गई है।पहले हेलीकम्पनियों ने वापसी की,अब घोड़े-खच्चरों की भी वापसी होने लगी है। बाहरी प्रदेशों और जिलों से आए करीब 5 हजार घोड़े-खच्चर केदारनाथ यात्रा से लौट गए हैं।अब यात्रा मार्ग में महज 2800 घोड़े-खच्चरों का ही संचालन हो रहा है। यात्रा में अब तक घोड़े-खच्चरों से 58 करोड़ 38 लाख रुपये का कारोबार हुआ है।
आपको बता दें 6 मई से शुरू हुई केदारनाथ धाम की यात्रा में कुल 8500 घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण हुआ था। इसमें रुद्रप्रयाग जनपद से 3300 घोड़े-खच्चर थे, जबकि अन्य प्रदेश और जनपदों से 5200 घोड़े-खच्चर शामिल थे। इस यात्रा में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के अलावा चमोली, उत्तरकाशी, चम्पावत, पौड़ी, नैनीताल, देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले से घोड़े-खच्चर केदारघाटी पहुंचे। जबकि बाहरी प्रदेशों से यूपी, जम्मू, हिमाचल, चंडीगढ़ आदि जगहों से भी घोड़े-खच्चर पहुंचे थे,लेकिन यात्रा धीमी पड़ते ही घोड़े-खच्चर संचालकों ने वापसी का रास्ता नापना शुरू कर दिया है।घोड़े-खच्चरों का कारोबार देख रही जी मैक्स कंपनी के प्रबंधक खुशाल सिंह ने बताया कि अभी तक घोड़े-खच्चरों से कुल 2 लाख 80 हजार 491 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ जाना-आना किया, जिससे कुल 58 करोड़ 38 लाख का कारोबार हुआ है। इसमें 53 करोड़ 65 लाख की धनराशि घोड़ा-खच्चर मालिकों को गई है। जबकि 4 करोड़ 20 लाख का लाभ प्रशासन को हुआ है।