चमोली-विश्व धरोहर फूलों की घाटी के तीन किलोमीटर पैदल ट्रैक पर जगह-जगह हिमखंड पसरे हैं। इस कारण घाटी के निरीक्षण के लिए गया नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन का दल आधे रास्ते से लौट गया। दल का कहना है कि पैदल ट्रैक को खोलने के लिए टीम को भारी मशक्कत करनी पड़ेगी।
फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए हर साल एक जून को खोली जाती है। इस साल अप्रैल और मई माह में भारी बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है जिससे फूलों की घाटी के पैदल मार्ग में भारी बर्फ जमी हुई है। नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के फूलों की घाटी रेंज की टीम दो दिन पूर्व घाटी का निरीक्षण करने गई थी लेकिन रास्ते में भारी हिमखंड होने से आधे से ही टीम को लौटना पड़ा।
घाटी खुलने में अब तीन सप्ताह का समय शेष है। ऐसे में समय पर घाटी के लिए रास्ता बनाना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती रहेगा। यहां अभी भूसा प्वाइंट और ग्लेशियर प्वाइंट पर भारी हिमखंड पसरे हैं। इनको काटकर ही आगे का रास्ता बनाया जा सकता है।मौसम का जिस तरह का मिजाज बना हुआ है, विपरीत मौसम में घाटी में काम करना संभव नहीं हो पाएगा।फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि इस बार मौसम खराब होने पर घाटी में बर्फबारी हो रही है जिससे पैदल रास्ते बंद पड़े हैं। दो जगह पर भारी हिमखंड हैं।मौसम साफ होते ही रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।