चमोली -हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा को लेकर गोविंदघाट गुरुद्वारे में संगत पहुंचने लगी हैं। मंगलवार को लगभग 250 श्रद्धालु गोविंदघाट पहुंचे। गोविंदघाट, घांघरिया और हेमकुंड साहिब में यात्रा तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। 20 मई को कपाट खुलेंगे। गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने इस वर्ष बर्फबारी को देखते हुए पहले दिन 2500 तीर्थयात्रियों को ही हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इसके बाद सीमित संख्या में यात्री भेजे जाएंगे। जबकि जून माह में बर्फ पिघलने पर तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।हेमकुंड साहिब के कपाट 20 मई को सुबह 10 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। गोविंदघाट, घांघरिया और हेमकुंड साहिब में सजावट का काम अंतिम चरण में है। यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में उत्साह का माहौल है और अभी तक लगभग 250 तीर्थयात्रियों का जत्था गोविंदघाट पहुंच गया है। गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि आस्था पथ व हेमकुंड साहिब में अधिक बर्फ को देखते हुए यात्रा के पहले दिन 2500 तक तीर्थयात्रियों को ही हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति दी जाएगी। जून माह में बर्फ पिघलने पर तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। घोडे-खच्चरों की आवाजाही अटलाकुड़ी ग्लेशियर तक ही होगी।
बर्फबारी के कारण काम हुआ प्रभावित
हेमकुंड साहिब 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है। इस बार मौसम की बेरुखी के कारण हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा का संचालन करना गुरुद्वारा प्रबंधन और जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। हेमकुंड साहिब में बीते दिनों तक बर्फबारी हुई जिससे बर्फ हटाने का काम प्रभावित हाेता रहा। सोमवार देर शाम को भी हेमकुंड में बर्फबारी हुई, जिससे बर्फ हटाने का काम बंद रहा। मंगलवार को धूप खिलने पर हेमकुंड साहिब परिसर से लेकर रास्ते तक स्नो कटर मशीन से बर्फ हटाई गई।
बुधवार को संगत के साथ गोविंदघाट पहुंचेंगे पंच प्यारे
ऋषिकेश गुरुद्वारे से रवाना होकर आज बुधवार को तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ पंच प्यारे गोविंदघाट गुरुद्वारे में पहुंचेंगे। 18 मई को यहां से पंच प्यारे घांघरिया के लिए प्रस्थान करेंगे और 19 को हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे। 20 मई को विधि-विधान से हेमकुंड साहिब के कपाट छह माह के लिए खोल दिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब के समीप स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी उसी दिन श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे.
गोविंदघाट में 5200 तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था
हेमकुंड साहिब के प्रवेश द्वार गोविंदघाट में करीब 5200 तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। यहां गुरुद्वारे में करीब 4000 और होटलों में 1200 तीर्थयात्री रात्रि विश्राम कर सकते हैं। जबकि घांघरिया में 6500 तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। हेमकुंड साहिब में रात्रि प्रवास की व्यवस्था नहीं है। तीर्थयात्री घांघरिया से सुबह अपनी तीर्थयात्रा शुरू कर छह किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के बाद हेमकुंड साहिब पहुंचते हैं और दोपहर में हेमकुंड से रात्रि प्रवास के लिए घांघरिया पहुंच जाते हैं।