पिथौरागढ़ -चीन सीमा के लिए जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मोटर मार्ग सातवें दिन भी नहीं खुल पाया। लखनपुर में सड़क पर आई चट्टानों को हटाने का काम चल रहा है। पहाड़ी से बार-बार पत्थर गिरने के चलते काम में व्यवधान पैदा हो रहा है। इस स्थान पर आदि कैलाश यात्रियों के साथ ही माइग्रेशन पर गए लोगों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है।इन दिनों लिपुलेख सड़क के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। ब्लास्टिंग के कारण बार-बार पहाड़ियां दरक रही हैं। पिछले सप्ताह चट्टानें दरकने से लखनपुर में सड़क बंद हो गई थी। इसके चलते वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप है। चट्टानों को अभी तक नहीं हटाया जा सका है। वहां पर फंसे 300 से अधिक आदि कैलाश यात्रियों और स्थानीय लोगों को एसएसबी, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान नदी किनारे से निकाल चुके हैं। अभी भी वहां पर 50 से अधिक यात्री फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि अपने वाहनों से यात्रा पर गए यात्री वहां पर फंसे हुए हैं। इनमें लगभग 15 बाइकर्स भी हैं।
धारचूला में होटल होम स्टे हुए पैक
धारचूला। इस साल आदि कैलाश यात्रा के लिए निजी ऑपरेटरों के पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सड़क बंद होने के कारण आगे नहीं जा पाने से पर्यटकों को धारचूला में ही ठहरना पड़ रहा है। मार्ग की स्थिति को देखते हुए परमिट जारी नहीं किए जा रहे हैं। लगभग 300 से अधिक पर्यटक इस समय परमिट के लिए धारचूला में रुके हुए हैं। इसके चलते सभी होटल और होम स्टे पैक हो चुके हैं।