ब्यूरो :उत्तराखंड में भी ‘सेक्सटॉर्शन’ के केस आने लगे हैं। शातिरों द्वारा न्यूड कॉल करने के बाद ब्लैकमेल का खेल शुरू होता है। चिंता की बात है कि उत्तराखंड के कई शहरों में अब तक ‘सेक्सटॉर्शन’ के कई मामले सामने आ चुके हैं। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई भी की जाती है। उत्तराखंड पुलिस ने अब तक डेढ़ करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम पीड़ितों को वापस दिलाई है। ब्लैकमेलिंग के साइबर धंधे में ‘सेक्सटॉर्शन’ प्रचलित शब्द बन चुका है। कुमाऊं के युवा भी साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर सेक्सटॉर्शन का शिकार हो रहे हैं।पंतनगर साइबर थाने में प्रतिमाह ठगी के मामलों में से चार-पांच मामले सेक्सटॉर्शन के आ रहे हैं। वर्ष 2021 से अपराधियों ने ‘सेक्सटॉर्शन’ के नाम से साइबर क्राइम का नया काला अध्याय लिखना शुरू किया। साइबर थाना पुलिस के मुताबिक, ‘सेक्सटॉर्शन’ में पहले व्हाट्सएप और फेसबुक में महिलाओं की फेक आईडी के जरिए किसी व्यक्ति से दोस्ती की जाती है। इसमें व्यक्ति को वीडियो कॉल में झांसा देकर रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए आपत्तिजनक स्क्रीनशॉट बना दिया जाता है। इसके बाद ठग एडिटिंग के जरिए वीडियो को आपत्तिजनक बनाकर संबंधित व्यक्ति को भेजते हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा और बदनामी के डर से व्यक्ति दबाव में आ जाता है।यहीं से साइबर ठग ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर देते हैं। कई युवा इस तरह से सेक्सटॉर्शन का शिकार होकर लाखों की रकम गंवा चुके हैं। वहीं ज्यादातर मामलों में लोग सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते खुलकर सामने भी नहीं आते हैं। एक जनवरी 2021 से मई 2023 तक लगभग 40 साइबर ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ठगी के आरोपी को दोषसिद्ध होने पर धारा 420 के तहत सात साल, आईटी एक्ट 66 सी के तहत तीन साल की सजा होती है। उत्तराखंड पुलिस सेक्सटॉर्शन के मामलों पर केस दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई भी करती है।
वर्ष/ कुल शिकायतें/निस्तारित शिकायतें/ वापस कराई गई रकम
2021/ 847/ 847/ 62,54,273 रुपये
2022/ 857/ 857/ 69,67,866 रुपये
2023/167/115 /20,21,454 रुपये
ललित जोशी, प्रभारी साइबर थाना का कहना है कि कुमाऊं में भी सेक्सटॉर्शन के मामले अब बढ़ने लगे हैं। इस साल भी कई मामले आ चुके हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते बहुत से लोग शिकायत नहीं करते हैं। वहीं जांच में इन मामलों का केंद्र राजस्थान और आसपास के इलाकों से ही पाया गया है।
जानें क्या होता है सेक्सटॉर्शन
दरअसल, आजकल साइबर ठग लोगों से सेक्सुअल ब्लैकमेलिंग यानी सेक्सटॉर्शन से वसूली कर रहे हैं। वेबकैम, मोबाइल या वीडियो कॉल के जरिए किसी की सेक्स गतिविधियों या न्यूड तस्वीरों को रिकॉर्ड करके उसके जरिए ब्लैकमेल करने को सेक्सटॉर्शन कहते हैं। सेक्सटॉर्शन वर्चुअल सेक्स और फिर होने वाली उगाही से मिलकर बना है। इसमें साइबर ठग फेक आईडी बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। फिर वीडियो कॉल में महिला या युवती न्यूड होकर सामने आती है और सेक्स गतिविधि करती है, लेकिन मोबाइल चला रहे शख्स को मालूम ही नहीं होता है कि उसकी रिकॉर्डिंग की जा रही है। फिर कुछ देर बाद महिला उस रिकॉर्ड वीडियो को उसके मोबाइल पर भेज देती है और वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम की डिमांड करती है। ऐसे में शख्स को वीडियो वायरल होने की डर से डिमांड के मुताबिक रकम चुकानी पड़ती है।
ऐसे अपराध का शिकार होने से कैसे बचें
ऐसे अपराधों से बचने के लिए सबसे बड़ा विकल्प आपकी जागरूकता है। ऐसे लोगों की फ्रेड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें जिन्हें आप जानते नहीं हैं। किसी भी अनजान से वीडियो कॉल पर बात न करें और न ही किसी की भोली बातों में आयें। ऐसा होने पर तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें। लोग सूचना देंगे या शिकायत दर्ज करेंगे तो ऐसे मामलों को उजागर किया जा सकेगा।