बड़कोट-जमदग्नि ऋषि की तपस्थली थान गांव में 12 गांवों के आराध्य समेश्वर देवता का मेला हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मेले में डांगरी नृत्य एवं धनुष बाण नृत्य के दौरान क्षेत्र की समद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिली। वहीं मेले में शामिल होने पहुंचे ग्रामीणों ने देव डोलियों के साथ नृत्य एवं पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी।बड़कोट तहसील मुख्यालय से आठ किमी दूर यमुनोत्री हाईवे से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित थान गांव को भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि की तपस्थली माना जाता है। इस गांव में हर साल क्षेत्र के आराध्य समेश्वर देवता का भव्य मेला आयोजित किया जाता है। मेले के समापन पर डांगरी नृत्य व धनुष बाण नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इस दौरान समेश्वर देवता के पश्वा करीब सौ मीटर तक धारदार डांगरी के ऊपर नंगे पैर चल कर ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया। उसके बाद ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊ पर रासो तांदी नृत्य किया। इस मौके पर मुकेश डिमरी, शांति प्रसाद, अनसुया डिमरी, हरदेव सिंह चौहान, भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह, जिला पंचायत सदस्य आनंद सिंह, दर्मियान सिंह, रविंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।