ब्यूरो-हुनर अगर जहन में हो तो हर मुकाम हासिल है..
क्या आप जानते हैं उत्तराखंड के लाल देव रतूड़ी को जिनके हुनर के चर्चे भारत ही नहीं बल्कि चाइना में भी बुलंद है।
जी हाँ हम बात कर रहे है विकासखंड भिलंगना में पट्टी केमर के ग्राम केमरिया सौड़ में जन्मे देव रतूड़ी की जो आज देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहे है। देव की प्रारम्भिक शिक्षा अपने ही क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज चमियाला (लाटा) में हुई है। दसवीं की पढ़ाई करने के बाद देव रतूड़ी वर्ष 1998 में अपने भविष्य की तलाश में घर से बारह निकले और दिल्ली जाकर फिल्मों में काम करने के जुनून से मार्शल आर्ट सीखने लगे. फिर कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद हीरो बनने की चाह उन्हें मुंबई के लिये रवाना कर गई। देव रतूड़ी का असली और घर का नाम द्वारिका प्रसाद रतूड़ी है। जिसे चाइना में जाकर बदल कर देव रतूड़ी कर दिया गया।मीडिया सूत्रों के मुताबिक देव रतूड़ी ने सात से आठ वर्ष तक मुंबई में रह कर होटल में काम करने के साथ-साथ कुछ टीवी सो और नाटक प्रोग्रामों में हिस्सा लिया वहीं से फिल्मों में जाने की और दिलचस्पी बढ़ गई। वर्ष 2005 में देव रतूड़ी चाइना पहुंच गए। विदेशी धरती पर पहुंचने के बाद देव ने शुरुवात में वहां एक होटल में वेटर के रूप में काम किया फिर उसी होटल में मैनेजर का पद संभाला और वर्ष 2013 में देव रतूड़ी ने चाइना में पहला इंडियन रेस्टोरेंट खोला और आज वह चाइना में 8 रेस्टोरेंट के मालिक है। और 50 से अधिक भारतीयों को रोजगार दे चुके हैं।देव रतूड़ी चाइना में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पिछले 18 वर्षो से चाइना में रह रहे हैं। वह अभी तक 35 से अधिक चाईनीज फिल्मों में काम कर चुके हैं साथ उनकी पहचान चाइना के उद्योगपतियों में शामिल हैं।इतना ही नही देव रतूड़ी की संघर्ष की गाथा को प्रेरक कहानी के रूप में चीन के सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बच्चे उनके जीवन पर आधारित कहानी को स्कूली किताब में पढ़ रहे हैं।
सामान्य परिवार में जन्मे देव का कहना है कि अब वर्ष 2024 के बाद वह अपने देश में भी फिल्म इंडस्ट्री में काम करेंगे और 2025 तक उनका 200 से अधिक भारतीय को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है।
वाकई में देव रतूड़ी आज कई लोगों के लिये प्रेरणास्रोत हैं।