रुद्रप्रयाग-नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) श्रीकांत पांडे की अदालत ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड ने देने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता के पिता वादी द्वारा 4 जनवरी 2022 को राजस्व उपनिरीक्षक क्षेत्र में अपनी नाबालिग पुत्री की गुमशुदगी को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया। बताया कि 2 जनवरी को वादी की पुत्री घर से रुद्रप्रयाग बाजार किताब कापी खरीदने को कहकर निकली थी, और वापस लौट नहीं लौटी। वादी ने अपनी नाबालिग पुत्री की अपनी रिश्तेदारी व जान पहचान में काफी ढूंढ-खोज की गई, किंतु कहीं भी नाबालिग पुत्री का कोई पता नहीं चल सका। 4 जनवरी को राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा वादी के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर नाबालिग पुत्री के गुमशुदगी की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। 10 जनवरी को तहरीर में पीड़िता के पिता द्वारा अंकित अज्ञात मोबाइल नंबर ट्रैकिंग के आधार पर हरिद्वार से पीड़िता को अभियुक्त के कब्जे से बरामद किया गया। जबकि अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया गया। मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से गवाहों को न्यायालय में परीक्षित किया गया। सभी गवाहों द्वारा मामले का पूर्ण समर्थन किया गया। वहीं मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून उत्तराखंड से प्राप्त मामलों से संबंधित रिपोर्ट में भी शारीरिक संबंध स्थापित होने की पुष्टि हुई है। विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) श्रीकांत पांडे द्वारा मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद गुरुवार 23 जून को अभियुक्त राजकुमार उर्फ राजू को दोषी मानते हुए दोष सिद्ध किया गया। अभियुक्त को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियुक्त द्वारा अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर उसे 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो) सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आशीष नेगी एवं शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुदर्शन सिंह चौधरी ने पैरवी की।