पौड़ी गढ़वाल-यमकेश्वर ब्लॉक के बैरागढ़ गांव में कुत्ता काटली गदेरे में बन रही झील से ग्रामीणों में दहशत बनी है। झील का निरीक्षण करने के लिए पौड़ी प्रशासन का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी नहीं पहुंचा। ग्रामीणों को डर है कि अधिक बारिश होने पर गदेरे में बन रही झील का पानी गांव को नुकसान पहुंचा सकता है। इसी डर से ग्रामीणों की रात की नींद और दिन का चैन उड़ा है। प्रशासन की बेरुखी से ग्रामीणों में आक्रोश है।लक्ष्मणझूला डीएम कैंप कार्यालय से मात्र 15 किमी दूर ग्राम पंचायत सिंदुडी का तोक गांव बैरागढ़ गांव है। वर्तमान में गांव में 30 से 35 परिवार रहते हैं। बीते दिनों हुई तेज बारिश ने इस गांव में तबाही मचाई। कुत्ता काटली गदेरा उफान पर आने से गदेरे के मुहाने पर बन रही पेयजल निगम कोटद्वार की करीब 13 करोड़ की पेयजल योजना का निर्माण कार्य मलबे में दफन हो गई। गदेरे का पानी और मलबा ग्रामीणों के घरों में घुसा है। गदेरे में झील बननी शुरू हो रही है। लेकिन पौड़ी प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी अधिकारी और कर्मचारी ने यहां निरीक्षण नहीं किया है।ग्राम पंचायत सिंदुडी के पूर्व प्रधान अरुण जुगलान ने बताया कि आपदा से बैरागढ़, वीरकाटली और ओखली गांव के ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। ग्रामीण खुली आंखों में रात काट रहे हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से गदेरे में बन रही झील का निरीक्षण करने के लिए कोई अधिकारी नहीं आ रहा है। वहीं जब इस संदर्भ में यमकेश्वर एसडीएम अनिल कुमार को फोन किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।