उत्तराखंड में क्षेत्रफल के आधार पर हो परिसीमन
श्रीनगर। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने भाजपा पर राज्य निर्माण आंदोलनकारी के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। कहा कि लम्बे समय से राज्य आंदोलनकारी सरकार से पेंशन बढाये जगने की मांग कर रहें है, लेकिन सरकार मांग को अनदेखा कर उनकी उपेक्षा कर रही है। शनिवार को डालमिया धर्मशाला में राज्य आंदोलनकारी की बैठक को संबोधित करते हुए धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी ने अपने संघर्ष के बलबूते उत्तराखंड को पृथक राज्य बनाया और पहाडी राज्य के गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर सड़कों पर संघर्ष भी किया, लेकिन भाजपा सरकार आज तक गैरसैंण को राजधानी नहीं बना पाई है। उन्होंने अस्पतालों की खस्ता हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में सत्यखाल में हुई दुर्घटना ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है। कहा कि जिला का अस्पताल ही डाक्टर विहीन होना और मरीजों को इलाज न मिलना इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि सरकार सुविधाओं के नाम पर जनता को केवल छलने का काम कर रहीं है। उन्होंने सरकार से जल्द राज्य आंदोलनकारियों क पेंशन में बढोत्तरी किए जाने के साथ ही जल्द राज्य आंदोलनकारियों के अश्रितों 10प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को लागू किए जाने की मांग की। मौके पर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय सचिव उम्मेद सिंह मेहरा और सुखदेव पंत ने कहा कि वर्ष 2026-27 में होना वाला परिसीमन जनसंख्या के आधार पर न कर क्षेत्रफल के आधार पर किए जाने की मांग की। कहा कि यदि परिसीमन जनसंख्या के आधार पर होता है तो मैदान के लोग राज्य की सत्ता पर काबिज होगें। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी केदार सिंह बिष्ट, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी, सती देवी रावत, हेमंती नेगी, बुद्धि, गायत्री, राकेश सहित आदि मौजूद थे।