चमोली-देश का प्रथम गांव माणा सात दिनों से अंधेरे में है। 20 अप्रैल को माणा गांव में हुई बर्फबारी से बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। ऊर्जा निगम ने अभी तक लाइन को ठीक नहीं किया गया है। जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।माणा गांव के भोटिया जनजाति के ग्रामीण छह माह शीतकाल में चमोली जनपद के घिंघराण और गोपेश्वर में निवास करते हैं। जबकि छह माह ग्रीष्मकाल में माणा गांव पहुंच जाते हैं। इन दिनों ग्रामीण अपने गांव लौट रहे हैं। माणा गांव में अभी तक 35 परिवार पहुंच गए हैं लेकिन बिजली न होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। माणा गांव बदरीनाथ धाम से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माणा गांव के ग्राम प्रधान पीतांबरदत्त मोल्पा का कहना है कि माणा गांव में दुकानें खुलने लगी हैं। लोग अपने पैतृक गांव में लौटने लगे हैं लेकिन बिजली की सप्लाई अभी तक सुचारु नहीं हुई है।गांव में प्राकृतिक पेयजल के स्रोत हैं, जिससे पानी की दिक्कत नहीं है लेकिन बिजली न होने से गांव में पथ प्रकाश की सुविधा भी नहीं मिल रही है। लोग अपने मोबाइल फोन भी चार्ज नहीं कर पा रहे हैं। ऊर्जा निगम के ईई अमित सक्सेना का कहना है कि जल्द ही माणा गांव में बिजली सप्लाई सुचारु कर दी जाएगी। गांव की विद्युत लाइन का सुधारीकरण कार्य चल रहा है।