जोशीमठ-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य व्यापी अभियान के तहत गोपेश्वर इकाई द्वारा बस स्टैंड पर भाजपा सरकार का पुतला दहन किया गया। शनिवार को जोशीमठ में आपदा पीड़ितों के जन आंदोलन के समर्थन में और भाजपा व राज्य सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी के साथ पुतला दहन किया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार जोशीमठ की प्रभावित जनता के विस्थापन, पुनर्वास व जोशीमठ के पुनर्निर्माण की बात कर पीड़ित जनता के साथ न्याय करने के बजाय उनको माओवादी, आतंकवादी कहकर अपनी विफलताओं को छुपाने का कार्य कर रही है।
प्रदेश सरकार मुआवजे की घोषणा तक नहीं कर पाई
वक्ताओं ने कहा है कि पुनर्वास विस्थापन और जोशीमठ के पुनर्निर्माण की बात तो काफी दूर की है, एक माह गुजर जाने के बाद भी प्रभावित लोगों के लिए आज तक प्रदेश सरकार मुआवजे की घोषणा तक नहीं कर पाई है। सरकार की नाकामी और जनता के जन आक्रोश से खिसयाए भाजपाई अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है। जिस कारण वह अपनी ही जनता को भला बुरा कह रहे हैं।
यह सर्वविदित है कि जोशीमठ के अंदर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति आपदा पीड़ित जनता की न्यायोचित मांगों के लिए संघर्षरत है। इस संघर्ष समिति में सभी पार्टियों के नेता व जनप्रतिनिधि शामिल हैं। यह किसी एक पार्टी का आंदोलन नहीं है। बावजूद इस सबके भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अपनी हताशा निराशा के चलते इस आंदोलन को हिकारत की दृष्टि से देखते हुए बयान बाजी कर रहे हैं।
यूं तो भाजपा जन्मजात रूप से आंदोलन विरोधी और घोर जनविरोधी रही है। भाजपा का हमेशा दोहरा चरित्र रहा है, जब वह विपक्ष में होती है तो वह अपने आप को जनता की शुभचिंतक दिखाने के लिए सड़कों पर दिखती है और जब सत्ता में होती है तो यही पार्टी जनता के विरोध में कॉरपोरेट और बड़े बड़े घरानों के पक्ष में फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बनाती है।
बीजेपी पहले भी देश में हुए अन्य आंदोलनों को लेकर भी अनगरल बयानबाजी व आंदोलनों को बदनाम करने की मुहिम चला चुकी है। वक्ताओं ने कहा की सीपीएम भाजपा की कॉरपोरेट हितैशी व विभाजनकारी साम्प्रदायिक नीतियों का जोरदार विरोध करते रहेगी।
इस अवसर पर सीटू जिला अध्यक्ष मदन मिश्रा, किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष नंदन सिंह नेगी, सीपीआई के पूर्व जिला मंत्री विनोद जोशी, भरत पवार, महिला समिति की जिला अध्यक्ष पुष्पा केमोठी, जिला सचिव गीता बिष्ट, लता मिश्रा, अनीता सती, भरत पवार, राजेंद्र बिष्ट, सीमा असवाल, इंदु देवी, दीपा देवी, सीता देवी,रीना देवी, उषा बिष्ट, मीना विष्ट, धीरज कुमार और डीवाइएफआइ जिला सचिव गजेंद्र बिष्ट आदि ने विचार व्यक्त किए।