रुद्रप्रयाग – उत्तर प्रदेश कानपुर शहर से श्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद वापस लौटे अखिल ने बताया कि वापस लौटते समय अचानक हुई अतिवृष्टि के कारण उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा गौरीकुंड में ही रुकने के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि वो तीन दिनों तक गौरीकुंड में रुके रहे। इस दौरान जिला प्रशासन लगातार उनसे संपर्क करता रहा। उन्होंने कहा कि उन्हें रहने, खाने से लेकर अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। इसके लिए उन्होंने स्थानीय जिला प्रशासन का आभार जताया है।
इलाहाबाद से हर्षिता व उनके एक साथी ने बताया कि वो 31 जुलाई को केदारनाथ धाम के दर्शन कर गौरीकुंड लौट गए थे। यहां पर मौसम खराब होने के बाद वो अपने गंतव्य को लौटने लगे। इस बीच उन्हें शेरसी में पहुंचने के बाद खबरों के माध्यम से पता चला कि केदारनाथ पैदल मार्ग में अतिवृष्टि हुई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा उन्हें शेरसी में रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन सहित डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व अन्य टीमों के द्वारा काफी सहयोग दिया गया। साथ ही हर आवश्यक आवश्यकताएं पूरी करवाई गई। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार सहित जिला प्रशासन व सभी रेस्क्यू टीमों का आभार व्यक्त किया है।
अतिवृष्टि से बाधित चल रहा चीरबासा हैलीपैड़ हैली सेवाओं के लिए हुआ तैयार, 40लोगों का हुआ रेस्क्यू
रुद्रप्रयाग - केदारघाटी में अतिवृष्टि के बाद से कई मार्ग आवाजाही हेतु बंद हो गए थे। जिन्हें खोले जाने के लिए विभिन्न रेस्क्यू टीमें लगातार अभियान चलाए हुए है। शनिवार को प्रशासन को बड़ी कमियाबी तब मिली जब एसडीआरएफ की टीम ने लैंड स्लाइड के चलते बंद पड़े चीरबासा हेलीपैड को दुरुस्त किया। हेलीपैड दुरुस्त होने से रेस्क्यू अभियान में बड़ी मदद मिली। जिला अधिकारी सौरभ गहरवार पहले दिन से ही चीरबासा हेलीपैड संचालित करने को प्रयासरत थे। शनिवार को कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा अपनी टीम के साथ भीमबली हैलीपैड पर उतरे जहां से पैदल ट्रैक को ठीक करते हुए चीरबासा पहुंचे। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग के मुख्य पड़ाव चीरबासा हैलीपैड़ हैली सेवाओं हेतु पूर्णतः बाधित हो गया था। एसडीआरएफ की टीम द्वारा हेलीपैड पड़े बड़े बोल्टर हटा कर चीरबासा को हैली हेतु सुचारू कर दिया गया है जो रेस्क्यू टीमों के लिए बड़ी राहत है। जिलाधिकारी ने प्रशासन की टीम के साथ हैलीपैड पर पहली लैंडिंग कर पूरी टीम की हौसला अफजाई की। शनिवार दोपहर साढ़े तीन बजे तक चीरबासा हैलीपैड़ से करीब 40 लोगों को रेस्क्यू किया गया। बताया कि अब हैली सेवाओं के माध्यम से चीरबासा से रेस्क्यू कार्यों को और भी आसानी व सुगमता से किया जा सकेगा।