18 सालों से जड़ी-बूटी संरक्षण के क्षेत्र में कर रहे कार्य
श्रीनगर, संवाददाता। गढ़वाल विश्वविद्यालय के एसोशिएट प्रोफेसर डा. विजय कांत पुरोहित को 28वां गौरा देवी पर्यावरण सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें विगत 18 वर्षों से पर्यावरण एवं जड़ी-बूटी संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया। डा. पुरोहित को गौरा देवी पर्यावरण सम्मान मिलने पर विवि के शिक्षकों व हैप्रेक संस्थान के शोध छात्रों ने खुशी व्यक्त की है। चमोली जनपद की उर्गम घाटी में आयोजित दो दिवसीय गौरा देवी पर्यावरण एवं प्रकृति पर्यटन विकास मेला के अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूरी द्वारा उन्हें यह सम्मान दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने डा. पुरोहित के कार्यों को हिमालय जड़ी बूटियों के संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बताया। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर सेवा करते हुए डा. पुरोहित आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरे हैं। डा. पुरोहित का जन्म 1974 में चमोली जनपद के ग्राम किमनी में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूलों से प्राप्त करने के बाद उन्होंने वनस्पति विज्ञान और प्राणीशास्त्र में स्नातक, वनस्पति विज्ञान में स्नातकोत्तर तथा प्लांट फिजियोलाजी में पीएचडी की उपाधि गढ़वाल विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उनका शोध कार्य 1997 से 2002 तक जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा में प्रो. एलएमएस. पालनी और डा. एसके. नंदी के निर्देशन में हुआ, जो हिमालयन ओक (बांज) की चयनित प्रजातियों के ऊतक संवर्धन आधारित प्रसार पर केंद्रित था। विश्वविद्यालय के उच्च पादप कार्यिकी शोध केंद्र के निदेशक पद का भी दायित्व निभा रहे हैं। उन्होंने सम्मान प्राप्ति पर जनदेश कल्प क्षेत्र भरकी के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी, प्रो. आरके. मैखुरी तथा उत्तराखंड के हजारों जड़ी-बूटी काश्तकारों का आभार प्रकट किया।