उत्तरकाशी-नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के प्रशिक्षु दल के साथ द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे को आज एक साल पूरा हो गया है। हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी जबकि दो लोग अब भी लापता हैं।चार अक्तूबर 2022 को निम के इतिहास में वह तारीख है जिसने निम प्रबंधन को कभी न भूलने वाला गम दिया। हादसे में निम के 34 प्रशिक्षुओं का दल द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गया था जिसमें कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं दो लोग अब भी लापता चल रहे हैं।इनमें उत्तराखंड से नौसेना में नाविक विनय पंवार व हिमाचल निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल हैं। हालांकि उस दौरान निम के साथ एसडीआरएफ की टीम ने दोनों लापता लोगों की खोजबीन के लिए माइनस 25 डिग्री तापमान में भी विशेष अभियान चलाया।
निम ने बंगलुरु से जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) मंगाकर भी दोनों लापताओं की खोजबीन की थी लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। हालांकि अब एक साल बाद निम के एडवांस कोर्स के 40 प्रशिक्षुओं का दल दोबारा इस चोटी के आरोहण के लिए तैयार है जो वहां हिमस्खलन हादसे के बाद से लापता प्रशिक्षुओं की खोजबीन के लिए भी प्रयास करेंगे।
उत्तरकाशी ने सविता और नौमी को खोया था
हादसे में उत्तरकाशी जनपद ने एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल व पर्वतारोही नौमी रावत को खोया था। दोनों प्रशिक्षुओं के दल में बतौर प्रशिक्षक शामिल थी। जिनकी मौत की खबर ने उनके परिवार सहित जिले को कभी न भूलने वाला गम दिया। सविता ने बहुत कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया था।