कर्णप्रयाग-राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर रविवार (Sunday) को चमोली जिले के कर्णप्रयाग में प्रदेश भर से पहुंचे कर्मचारियों ने हुंकार रैली निकाल कर एक जनसभा की. इसमें सरकार से पुरानी पेंशन को तुरंत बहाल करने की मांग की गई।
रविवार (Sunday) को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखण्ड (Uttarakhand)के आवाह्न पर प्रदेश भर के कार्मिक ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए आयोजित पेंशन हुंकार रैली में कर्णप्रयाग पहुंचे. कर्णप्रयाग में रैली के बाद आयोजित सभा में मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली हो चुकी है. उत्तराखंड में कार्मिक लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली के लिये आंदोलनरत है. प्रदेश की धामी सरकार को चाहिये कि कर्मचारियों के हित में शीघ्र पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
प्रदेश अध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि जब सरकारी कर्मचारियों के बात बुढ़ापे की आती है तो कार्मिकों को केवल पेंशन का सहारा ही नजर आता है. नई पेंशन स्कीम शिक्षक कर्मचारी के हित में नहीं है. इसके कई दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं. पेंशन हुंकार रैली के माध्यम से हम राज्य सरकार (State government) से जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हैं।
मोर्चे के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि 2005 के बाद से इस पुरानी पेंशन योजना को बंद करके बहुत बड़ा अन्याय किया गया है. अब भूल सुधार का समय है. सरकारें सरकारी कार्मिकों की एकता और ताकत को नजरअंदाज नही कर सकती. मोर्चे के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि चमोली जनपद आंदोलन की सदैव अग्रणी भूमिका में रहा है।
मोर्चे के गढ़वाल मंडल महासचिव नरेश कुमार भट्ट ने कहा कि पेंशन हुंकार रैली के माध्यम से राज्य सरकारों एवं केन्द्र सरकार को चेताया जा रहा है कि जल्दी ही पुरानी पेंशन बहाल की जाये. अन्यथा कर्मचारी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे. मोर्चे जनपद चमोली अध्यक्ष पीएस फरस्वाण ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन की मशाल आज चमोली से जलायी जा चुकी है राज्य सरकार (State government) शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाल करे अन्यथा यह मशाल राज्य के सभी जनपदों से गुजरते हुए केंद्र तक पहुंचेगी.
रैली में राजकीय शिक्षक संघ गढ़वाल मण्डल संरक्षक शिव सिंह नेगी, विक्रम झिंकवान राम सिंह चौहान, अनिल बडोनी, कपिल पांडे, दिग्पाल गाड़िया, कमलेश मिश्रा, मक्खन लाल शाह, सुभाष देवलियाल, कमला बिष्ट, उमा लोहानी, प्रेमा राव सीमा पुंडीर आदि मौजूद रहे. सभा का संचालन अवधेश सेमवाल, सतीश कुमार ने संयुक्त रूप से किया.