देहरादून-बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार होने के आरोपों पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शुक्रवार को राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस में गोदियाल ने बीकेटीसी सदस्य आशुतोष डिमरी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया।कहा कि डॉ. रावत साजिशन उनके खिलाफ यह खेल रच रहे हैं। गोदियाल ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से अपने पर और सहकारिता मंत्री पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरेापों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की। एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई न होने पर गोदियाल सीएम आवास के बाहर धरना देंगे।
प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व सीएम हरीश रावत पार्टी के कई पदाधिकारियों के साथ गोदियाल की प्रेस कांफ्रेस में शामिल हुए। गोदियाल ने कहा कि गोदियाल ने सिलसिलेवार सभी छह आरोपों को खारिज किया और कहा कि उन्होंने बीकेटीसी के हित में ही हर कदम उठाया है।मंदिर समिति से एक पैसा भी उन्होंने नहीं लिया। गोदियाल ने कहा कि सहकारिता मंत्री खुद भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों में घिरे हैं। सहकारिता में भर्ती, स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग के मानक परिवर्तन में उन पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के खुलेआम आरोप लग रहे हैं। यदि वास्तव में वो सही हैं तो मेरी तरह जांच की मांग कर रहे हैं।
साथ ही गोदियाल ने कहा कि मैं जिस वक्त बीकेटीसी का अध्यक्ष बना, उस वक्त बाकी सभी सदस्य भाजपा सरकार से नामित थे। हर काम नियमानुसार किया गया है। मैं तो इन आरेापो का स्वागत करता हूं कि निष्पक्ष जांच होने पर भाजपा ही बेनकाब होगी। सीएम जल्द से जल्द मेरे और सहकारिता मंत्री के खिलाफ लग रहे आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराएं।
वहीं गणेश गोदियाल के प्रेस कांफ्रेंस के बाद सहकारिता एवं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने चुप्पी साधते हुए कहा कि
बीकेटीसी के सदस्य मेरे पास पूर्व के भ्रष्टाचार की जांच का ज्ञापन लेकर आए थे। मैंने सामान्य प्रक्रिया के तहत उसे पर्यटन मंत्री, मुख्यसचिव और पर्यटन सचिव को अग्रसारित किया है। भ्रष्टाचार के आरोप हास्यास्पद हैं। मुझे गोदियाल जी से हमदर्दी है। वो दो बार चुनाव हार चुके हैं, उनकी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया है। ऐसे में कुंठा हो ही जाती है।
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