पहाड़वासी– उत्तराखंड के संगीत जगत में सभी के दिलों में अपनी पहचान रखने वाले अखोड़ी घनसाली के मूल निवासी युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल की चंडीगढ़ में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। गुंजन डंगवाल के निधन के समाचार से उत्तराखंड में शोक की लहर फैल गई है।गुंजन डंगवाल मूलत: जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक अखोड़ी गांव के निवासी थे। गुंजन के पिता कैलाश डंगवाल शिक्षक और संस्कृतिकर्मी हैं। गुंजन की बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में रुचि थी। वे भले ही बीटेक इंजीनियर थे, लेकिन बहुत कम समय मे ही गुंजन ने उत्तराखंडी संगीत में अपनी इंजीनियरिंग का ऐसा जादू तैयार किया कि चैता की चैत्वाली पर हर कोई नाच उठा। पहाड़ी साज हुड़का जैसे यंत्रों पर संगीत की जबरदस्त धुन तैयार करने वाले गुंजन कम उम्र में ही लाखों उत्तराखंडियों के दिलों में बस गए थे।वे अनेक सांस्कृतिक मंचों पर शानदार प्रस्तुतियों से बेस्ट मंच कलाकार के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। उत्तराखंडी संगीत में नए प्रयोग और गीतों में बेजोड़ शब्दों के माध्यम से वो हर प्रस्तुति को बेहतरीन बना देते थे।पहाड़ी अ-कापेला, नंदू मामा की स्याली, ऊडांदू भौंरा जैसे शानदार गीतों को पिरोने वाले गुंजन डंगवाल ने अमित सागर, रोहित चौहान के अनेक गीतों को संगीत दिया. गुंजन हाल ही में पहाड़ी अ-कपेला 3 की तैयारी कर रहे थे। इस बात की जानकारी गुंजन ने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लोगों को दी थी. गुंजन ने अपनी मेहनत और लगन से बहुत ही कम वक्त में उत्तराखंड के संगीत जगत में अपना नाम एक बेहतरीन म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में स्थापित किया था.गुंजन के असमायिक निधन पर उत्तराखंडी गीत संगीत से जुड़े विभिन्न लोक संगीतकार, संस्कृति कर्मी , लोककलाकारों , जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है।