गैरसैंण- 27 अप्रैल
रिपोर्ट- प्रेम संगेला
गैरसैंण में आयोजित रामगंगा मेरा सम्मान गैरसैंण मेरा स्वाभिमान यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक ओर जहां राजनैतिक ओर विकास के रूप से पिछडते गैरसैंण को सुर्खियों में बनाए रखने का काम कर गये,वहीं 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने का प्रयास करते भी दिखे।सरकार को घेरने में जहां कांग्रेस की दूसरी लाईन के नेता ज्यादा प्रभाव छोडते नहीं दिख रहे पा रहे हैं,वहीं हरीश रावत ने राजधानी के सवाल पर धामी सरकार को घेरते हुए एक बार फिर से अपनी सक्रियता का दम दिखाया है।आने वाले 2027 के विधानसभा चुनावों में पिछली दो हारों का बदला लेने के साथ ही एक बार फिर से सरकार बनाने के जुगाड में लगी कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में रविवार को गैरसैंण में सांकेतिक चक्का जाम,धरना-प्रदर्शन व मौन उपवास रखकर राजधानी व अन्य संवेदनशील मुदादों पर जहां सरकार के सामने सवाल खडे किए,वहीं गैरसैंण सहित पर्वतीय क्षेत्र के जनमानस की भावनाओं को जोडने का भी प्रयास किया।उल्लेखनीय है की 2012 में तब केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के भारी दबाव के चलते कांग्रेस की विजय बहुगुणा सरकार के कार्यकाल में गैरसैंण के भराडीसैंण में विधानसभा का भूमिपुजन कार्य हुआ था। जिसके बाद हरीश रावत सरकार की टैंट विधानसभा का आयोजन व निर्माण कार्य शुरू हुआ।2020 में भाजपा की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया।लेकिन वर्तमान तक धनराशि स्वीकृत होने के बावजूद सचिवालय सहित अन्य निर्माण कार्य शुरू होने की बाट जोह रहे हैं।वहीं भाजपा सरकार में ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र के विकास के लिए 25हजार की घोषणा भी धरातल पर नहीं उतर सकी है।जिसको लेकर कांग्रेस एक बार फिर गैरसैंण को पहाड के प्रतीक के रूप में एजेंडा बनाकर 2027 की लड़ाई में बढत बनाने के जुगाड में लगी है।स्थानीय स्तर पर गैरसैंण को विकास का सीधा लाभ न मिल पाने के मुद्दे कर भी हथियार बनाकर कांग्रेसी गैरसैंण जिला बनाए जाने,पेयजल संकट,क्षेत्र की सडकों की बदहाली के साथ ही शिक्षा,स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मुद्दों पर धरना-प्रदर्शन कर जहां जनता के साथ जुडे रहने का प्रयास कर रही है।वहीं ऐसे आयोजनों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी जोश भरने का काम कर रही है।