रुद्रप्रयाग-ग्यारवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम की यात्रा 25 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। यात्रा में अब महज कुछ ही दिन का समय शेष बचा हुआ है और अभी तक पैदल मार्ग को दुरूस्त नहीं किया गया है। यात्रा तैयारियों का जायजा लेने के लिये केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों की टीम केदारनाथ धाम पहुंची। इस दौरान टीम को धाम में काफी कमियां नजर आई।
बता दें केदारनाथ धाम में अभी भी भारी मात्रा में बर्फ जमी हुई है। पैदल मार्ग पर जगह-जगह ग्लेशियर टूटे हुये हैं। बड़े-बड़े ग्लेशियरों के बीच से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है।यात्रा को लेकर अब समय कम और काम ज्यादा नजर आ रहा है।साथ ही 15 अप्रैल से धाम में स्थानीय लोगों की आवाजाही शुरू हो जायेगी। स्थानीय लोग सीजन के लिए यहां आवश्यक सामग्री के साथ पहुंचेंगे। ऐसे में समय पर व्यवस्थाएं सुचारू होना जरूरी हो गया है। हालांकि इस बार धाम में लगातार मौसम खराब हो रहा है। सांय के समय धाम में बर्फबारी हो रही है, जिस कारण लगातार यात्रा तैयारियों में दिक्कतें पैदा हो रही हैं।वहीं केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि धाम की शुरूआती चरण की यात्रा काफी चुनौतिपूर्ण रहने वाली है। खासकर पैदल मार्ग पर सफर करना काफी चुनौतिपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि कुंभ की तर्ज पर केदारनाथ धाम के लिए भी अलग से प्रशासन की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर ऐसी व्यवस्था होती है तो वह जनवरी-फरवरी से अपनी व्यवस्थाएं करना शुरू कर देंगे और कपाट खुलने से एक महीने पहले सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से हो जाएंगी।
वहीं, केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि केदारनाथ आपदा में तबाह हुए तीर्थ पुरोहितों के साथ प्रशासन का अनुबंध हैं। इन अनुबंधों पर पिछले साल ही कार्य होना था, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है। हर साल की तरह इस साल की यात्रा भी चुनौतिपूर्ण रहेगी। मौसम खराब होने के बाद भी पैदल मार्ग खोलने का कार्य जारी है।