टिहरी गढ़वाल-भिलंगना ब्लॉक के केमरासौड़ में दहशत का पर्याय बना आदमखोर गुलदार को आखिरकार शिकारियों ने मार गिराया है। गुलदार के मारे जाने के बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है। ग्रामीणों ने वन विभाग से फिलहाल गांवों में रात्रि गश्त जारी रखने की मांग की गई है। गुलदार क्षेत्र में एक बच्चे सहित दो लोगों को मार चुका था।भिलंगना के बडियार गांव निवासी धनवीर लाल का शव 22 नवंबर को रास्ता में पड़ा मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में धनवीर की मौत गुलदार के हमले में होने की पुष्टि हुई है। घटना के पांच दिन बाद 27 नवंबर को गुलदार ने मयकोट गांव निवासी 12 वर्षीय बच्चा अर्नव को मार दिया था। गुलदार के लगातार बढ़ते हमले के बाद क्षेत्र के लोगों की मांग पर वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया। लोकेशन ट्रेस करने के लिए बडियार और मयकोट गांव के आसपास सात ट्रैप कैमरे भी लगाए थे।बाद में गुलदार को मारने के लिए 29 नवंबर को शिकारी जॉय हुकिल और गंभीर सिंह भंडारी को क्षेत्र में तैनात किया गया। पिछले दो-तीन दिन से गुलदार केमरासौड़ के आसपास दिखाई दे रहा था। बृहस्पतिवार तड़के करीब 4:45 बजे गुलदार केमरासौड़ के गढनामे तोक में दिखाई दिया। वन रेंजर प्रदीप चौहान ने बताया कि गुलदार दिखाई देने पर शूटर जॉय हुकिल ने पहली गोली मारी तो गुलदार गिर गया इसके तुरंत बाद शूटर गंभीर सिंह भंडारी ने दूसरी गोली मार कर उसे मार गिराया।
रेंजर चौहान ने बताया कि मारा गया गुलदार नर है जिसकी उम्र लगभग 6 से 7 साल है। गुलदार के नाखून और दांत सही पाए गए। दो-तीन दिन से गुलदार केमरासौड़ के आसपास दिखाई दे रहा था। कुछ दिन पहले यह मयकोट गांव में लगाए गए पिंजरे के पास भी आया था लेकिन कैद नहीं हो पाया। ट्रैप कैमरे में उसकी लोकेशन देखी गई थी। मयकोट के प्रधान वीरपाल बिष्ट ने वन विभाग से फिलहाल गांवों में रात्रि गश्त जारी रखने की मांग की है। रेंजर ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से वन कर्मी गांव में गश्त करेंगे। ट्रैप कैमरे भी फिलहाल उस क्षेत्र में लगे रहेंगे।