चमोली।विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। देवी की पावन यात्रा में शामिल होने वाली सिद्धपीठ कुरुड की *मां नंदा देवी की डोली* अब अपने भव्य रूप में तैयार हो चुकी है। परंपरा के अनुसार, इसी डोली में विराजमान होकर मां नंदा देवी कैलाश की ओर प्रस्थान करती हैं।चमोली जिले के थराली ब्लॉक के कुनी पार्था गांव के प्रख्यात कारीगर दलवीर सिंह पिमोली, पुत्र स्वर्गीय केदार सिंह, ने इस डोली को अपने हाथों से गढ़ा है। दलवीर सिंह अपने पिता की अमूल्य विरासत और कला को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके पिता स्व. केदार सिंह तीन बार मां नंदा देवी के लिए डोली बना चुके हैं, जिसमें अंतिम बार वर्ष 2002 में यह पवित्र भेंट अर्पित की गई थी।लकड़ी पर बारीक नक्काशी और पारंपरिक शैली में निपुण दलवीर सिंह की कला में श्रद्धा और सौंदर्य का अद्भुत संगम झलकता है। उनके पुत्र मनोज पिमोली ने बताया कि यह डोली न केवल एक शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही आस्था का प्रतीक भी है।

गुरुवार को विशेष पूजन-अर्चन के साथ यह डोली कुरुड स्थित मां नंदा देवी मंदिर में चढ़ाई गई। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस नवनिर्मित डोली में विराजमान होकर देवी की यात्रा क्षेत्र में समृद्धि, शांति और मंगलकामनाओं का संदेश लेकर आएगी। ग्राम प्रधान मीना देवी, आनंद सिंह पिमोली, दलबीर सिंह, प्रदीप सिंह, अजय बिष्ट, भीमा पटवाल, वीरेंद्र आदि ने हर्ष व्यक्त किया।







