रुद्रप्रयाग-तुंगेश्वर घाटी के टूरिस्ट विलेज सारी में एक दिवसीय नंदा मेला पौराणिक जागरों,बग्डवाल नृत्य,भक्तों के जयकारों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ।पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी मां नंदा की भोग मूर्ति को नवरात्रा की अष्टमी को मक्कूमठ स्थित मंदिर से बाहर निकाला गया। इसके बाद मां नंदा कांडा, हुड्डू, उषाडा और दैडा होते हुए शनिवार देर शाम को अपने मामा मैती गांव सारी पहुंची।रविवार को नंदा मेला स्थानीय जागरों, बग्डवाल नृत्य एवं जयकार व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ।
पहली बार ग्राम पंचायत द्वारा मेले के दौरान दो दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसमें प्रसिद्ध लोक गायिका आरती गुसांई व जागर गायिका रामेश्वरी भट्ट की सांकृतिक टीम द्वारा “जीतू बग्डवाल व नंदा कथा गढ़वाली नृत्य नाटिका” की शानदार प्रस्तुति रही। सभी दर्शकों ने कार्यक्रम को सराहा। विधायक, शैला रानी रावत के प्रतिनिधि के रूप में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व जिपंअ चंडी प्रसाद भट्ट ने ग्राम पंचायत द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की पहल की सराहना करते हुए विधायक की ओर से इस बार के कार्यक्रम के लिए 50 हजार ₹ व खेल मैदान के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की। इसके अलावा गांव को आदर्श ग्राम, तुंगनाथ घाटी में पर्यटन को लेकर यहां के लोगों को प्रशिक्षण देने की बात भी कही। कहा कि अगली बार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन हेतु धनराशि बढाने का प्रयास किया जाएगा साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम को भव्य रूप देने का प्रयास रहेगा। उन्होंन कहा नंदा देवी को छोटी नंदा राजजात के रूप मे किए जाने के लिए घाटी की सभी ग्राम पंचायतों की ओर से पहल की जानी चाहिए।साथ ही सोमवार को विधि-विधानानुसार ग्रामीणों व धियाणियों द्वारा मां नंदादेवी की भोग मूर्ति को वाद्य यंत्रो की धुनों के साथ गांव से दूर तक चलकर मक्कूमठ के लिए विदा किया जाएगा।
नंदा के पौराणिक जागर गायकों में पुजारी फौजी भाई देवेन्द्र, रघुवीर, मुरली, दिलवर, कुलदीप, सा. का. दिलवर ने देवी के जागर गाए। सांस्कृतिक कार्यक्रम का मंच संचालन उपेन्द्र भट्ट ने किया।
इस मौके पर प्रधान मनोरमा देवी, उप प्रधान अनीता, युमंद धर्मेंद्र भट्ट, ममंद मंजू देवी, सरपंच मुरली सिंह, ईडीसी अध्यक्ष मनोज सिंह, समेत धियाणियां, प्रवासी भाई बहिन व ग्रामीण मौजूद रहे।