ब्यूरो-कुमाऊं में सोमवार रात से हो रही वर्षा ने सीमांत पिथौरागढ़ जिले में सर्वाधिक तबाही मचाई। एनएचपीसी की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के बांध का पानी छोड़े जाने से काली नदी उफना गई। इससे धारचूला के खोतिला में दो मकान नदी में समा गए। नदी किनारे स्थित श्मशान, कब्रिस्तान और एक गोशाला भी बह गई। खोतिला के परिवार मकान छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर भागे।डीएम रीना जोशी ने मौके पर पहुंचकर 15 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया है। नेपाल व चीन सीमा पर स्थित कालापानी में रात में उफान पर आए नाले के मलबे में पांच परिवारों की दर्जनों बकरियां दब गई। ग्रामीण बाल-बाल बचे। गुंजी-आदि कैलास मार्ग पर नाबी गांव में नाले के उफान से नपलच्यु गांव में एक पुल बह गया।लगातार हो रही वर्षा के चलते कुमाऊं में ऊधम सिंह नगर जिले को छोड़ शेष पांचों पर्वतीय जिलों में 52 सड़कें बंद हैं। इनसे करीब 150 से अधिक गांवों का संपर्क भंग है। धारचूला से आगे चीन सीमा तक का संपर्क भंग है।
टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर बोल्डर गिरने से दारमा सहित तल्ला दारमा, चौदास के वाहन बीच में फंसे हैं। बनबसा में 33 केवीए विद्युत लाइन का तार टूटने से क्षेत्र में आठ घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। लोगों को अंधेरे में रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है।