बागेश्वर-पीएम नरेंद्र मोदी के अप्रैल में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद लिखे लेख को लेकर बागेश्वर की बेटी दिव्यानी जगवाल काफी चर्चा में हैं। दिव्यानी का व्यावहारिक शिक्षा पर लिखा लेख प्रधानमंत्री को पसंद आया है। प्रधानमंत्री ने दिव्यानी को सराहना पत्र भेजा है।बागेश्वर के प्रतिष्ठित व्यवसायी मनीष जखवाल की पुत्री दिव्यानी के मन में पीएम को लेख भेजने का विचार आया। वेटेज हॉल स्कूल द येलो ब्रीक रोड डोंगा देहरादून में कक्षा 12 की छात्रा दिव्यानी ने लेख की शुरूआत ‘जैसे हमारी कल्पना का कोई मापदंड नहीं होता, वैसे ही सीखने का भी कोई मापदंड नहीं होता’ से की है। अंग्रेजी में लिखे लेख में दिव्यानी ने लिखा कि पुराने लोग मानते हैं कि शिक्षा केवल हमें दी गई पाठ्यपुस्तकों और हमारे माता-पिता, पूर्वजों की शिक्षाओं तक ही सीमित है जो शायद कुछ हद तक सही हो।पर इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया जाता है कि जानकारी और ज्ञान हर गुजरते पल और अलग-अलग पीढ़ियों में बदलते और संशोधित होते रहते हैं। दिव्यानी के पिता मनीष जगवाल बताते हैं कि दिव्यानी को बचपन से लिखने का शौक है। वह निरंतर लिखती रहती हैं। दिव्यानी पूरी दक्षता के साथ आगे की पढ़ाई करना चाहती हैं।
दिव्यानी के विचार
आधुनिक दुनिया में, आधुनिक समस्याओं के साथ, हमें वर्तमान दुनिया की समस्याओं से निपटने के लिए नवीन विचारों वाले नए दिमागों की जरूरत है। ऐसे दिमाग विकसित करने के लिए सीमाओं के बिना शिक्षा इसका सटीक उपाय है।
सीमाओं के बिना शिक्षा के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी पीढ़ियों के बीच सहयोग और आपसी समझ की आवश्यकता है। एक बच्चा सच्ची शिक्षा तब प्राप्त कर सकता है, जब वह सीखी गई बातों को वास्तविक जीवन की समस्याओं में लागू करता है और उन्हें कुशलता से हल करता है।

पीएम मोदी के पत्र का मजमून
पीएम मोदी ने दिव्यानी को भेजे पत्र में स्नेह आशीष से शुरुआत करते हुए लिखा कि परीक्षा पर चर्चा में हिस्सा लेने और इस विषय पर अपने विचार साझा करने के लिए आपका धन्यवाद। आप जैसे युवा साथियों के विचारों को जानना, समझना हमारे लिए उत्साहजनक होता है। युवा पीढ़ी की ऊर्जा, आत्मविश्वास, क्षमताओं को देखकर मुझे अत्यंत गर्व होता है। आप जीवन की हर परीक्षा में सफल हों।