पौड़ी गढ़वाल–
राज्य स्थापना के उपलक्ष्य में पर्यटन विभाग के तत्वावधान में विकासखंड खिर्सू के आसपास के हरे-भरे जंगलों में बर्ड वॉचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के लगभग 40 स्कूली बच्चों ने भाग लिया। सुबह की सुनहरी धूप और जंगल की हरियाली के बीच बच्चों में उत्साह देखने को मिला।

बर्ड प्रशिक्षक अजय शर्मा ने बच्चों को विभिन्न पक्षियों की पहचान, उनकी आवाज़, उड़ान की शैली और पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियाँ पायी जाती हैं, जिनमें कई दुर्लभ और प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रकृति के प्रति जिज्ञासा और संवेदनशीलता विकसित करना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बच्चों ने जंगल में दिखने वाले बुलबुल, टिटहरी, ड्रोंगो, नीलकंठ और कठफोड़वा जैसे पक्षियों को देखकर काफी उत्साह व्यक्त किया। स्कूली बच्चों ने दूरबीन की मदद से पक्षियों की पहचान भी की।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी ने बताया कि बर्ड वॉचिंग जैसी गतिविधियाँ बच्चों में प्रकृति और पर्यावरण के प्रति लगाव बढ़ाने का उत्कृष्ट माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि खिर्सू क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, स्वच्छ वातावरण और पक्षी विविधता के लिए जाना जाता है। पर्यटन विभाग का उद्देश्य ऐसे आयोजनों के माध्यम से ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देना और स्थानीय समुदाय को प्रकृति संरक्षण से जोड़ना है। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग आगे चलकर खिर्सू व आसपास के क्षेत्रों में नियमित रूप से बर्ड वॉचिंग, ट्रैकिंग और नेचर वॉक कार्यक्रम आयोजित करेगा, ताकि विद्यार्थी और पर्यटक दोनों ही उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक धरोहर को करीब से समझ सकें।
इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख अनिल भंडारी, गढ़वाल मंडल विकास निगम के मैनेजर राय चंद, सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य जनार्दन प्रसाद डबराल, प्रशासनिक अधिकारी पर्यटन विमल सहित प्रीतम सिंह नेगी, रितेश, जमन व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।







