जखोली(रुद्रप्रयाग)-विकासखण्ड जखोली की ग्राम पंचायत मवांणगांव में प्रधान संघ जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह भंडारी द्वारा अपने स्वर्गीय माता पिता की स्मृति में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म व उनकी लीलाओं की कथा का व्यासपीठ से आचार्य पंडित चंद्रशेखर नौटियाल द्वारा शानदार वर्णन किया गया। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास पं.चन्द्रशेखर नौटियाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है,तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। कहा कि सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई,तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था।
भगवान श्रीकृष्ण गोकुल में नित्य ही माखन चोरी लीला करते हैं। मां यशोदा के बार-बार समझाने पर भी श्रीकृष्ण नहीं मानते हैं तो मां यशोदा ने भगवान को रस्सी से बांधना चाहा पर भगवान को कौन बांध सकता है, लेकिन भगवान मां की दयनीय दशा को देखते हुए स्वयं बंध जाते हैं। इसलिए भगवान को न धन,पद व प्रतिष्ठा से नहीं बांधा जा सकता। भगवान तो प्रेम से बंध जाते हैं। इस मौके पर आयोजक प्रधान देवेंद्र सिंह भंडारी ने सभी भक्तों का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया है। चौथे दिन क्षेत्र पंचायत प्रमुख प्रदीप थपलियाल, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अर्जून गहरवार,प्रधानाचार्य शिव सिंह रावत, पूर्व प्रधान विजेन्द्र सिंह मेवाड़,गिरीश ममगांई,डा.दीनदयाल भण्डारी,शिक्षक बीरेंद्र सिंह राणा,दौलत राम भट्ट, खण्ड विकास अधिकारी दिनेश मैठाणी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेश्वरी नेगी,दिनेश डोभाल सहित बड़ी संख्या में श्रीमद् भागवत कथा प्रेमियों ने भगवान वामन की कथा सुनी।