रुद्रप्रयाग-केदारनाथ यात्रा की रफ्तार अब धीमी होने लगी है। यात्रा से अभी तक 2500 घोड़ा-खच्चर भी वापस लौट गए हैं। जबकि 4200 घोड़ा-खच्चरों का संचालन हो रहा है। कपाट खुलने के बाद से अभी तक घोड़ा-खच्चर से 3 लाख 16 हजार 450 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे हैं। साथ ही यात्रा में अभी तक 90 घोड़ा-खच्चरों की मौत भी हो चुकी है।25 अप्रैल से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में पहले 5000 घोड़ा-खच्चरों के संचालन की अनुमति दी गई। इसके बाद प्रशासन द्वारा रोस्टर के हिसाब से पुन: घोड़ा-खच्चरों की संख्या बढ़ाई गई। इसके बाद यात्रियों के लिए घोड़ा-खच्चरों की संख्या बढ़कर 6000 की गई। इस बार घोड़ा-खच्चरों के सफल संचालन, पशुओं की नियमित देखभाल, पशुओं को गर्भ पानी को लेकर गौरीकुंड से केदारनाथ तक पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
साथ ही घायल व बीमार जानवरों के इलाज के लिए पशुपालन विभाग द्वारा पहली बार चार अस्थायी अस्पताल भी संचालित किए जा रहे हैं, जहां पर सात पशु चिकित्सक तैनात हैं। यही कारण है कि बीते वर्ष की तुलना में इस बार जानवरों की मौत का आंकड़ा भी कम है। अभी तक 90 घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई है। दूसरी तरफ अब, केदारघाटी से लेकर केदारनाथ में हो रही बारिश के चलते पैदल मार्ग पर फिसलन बढ़ने के कारण 2500 घोड़ा-खच्चर संचालक अपने जानवरों के साथ वापस लौट चुके हैं।आने वाले दिनों में और पशु संचालकों के भी यात्रा से लौटने की उम्मीद है। केदारनाथ यात्रा प्रीपेड काउंटर संचालन कर रही जी-मैक्स कंपनी के प्रभारी खुशाल सिंह नेगी ने बताया कि अभी तक घोड़ा-खच्चरों से 3 लाख 16 हजार 450 यात्री धाम पहुंच चुके हैं। इधर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अशोक कुमार ने बताया कि घोड़ा-खच्चरों की नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है.