श्रीनगर। एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विवि में वर्तमान में तैनात प्रति कुलपति जून माह में सेवानिवृत्त होने से पूर्व गढ़वाल विवि प्रशासन ने उन्हें पुन: प्रति कुलपति बनाने का प्रस्ताव कार्य परिषद की बैठक में पास किये जाने को छात्रों ने गलत और नियम विरूद्ध ठहराया। कहा कि इससे पूर्व भी अन्य शिक्षकों की वरिष्ठता तथा योग्यता को दरकिनार किया गया और वर्ष 2021 में विश्वविद्यालय अधिनियम / परिनियम की प्रक्रिया को ठेंगा दिखाते हुए प्रति कुलपति के पद पर बिठा दिया गया। गढ़वाल विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष सुंधाशु थपलियाल एवं पूर्व अध्यक्ष अंकित रावत ने इस संदर्भ में मुख्य सतर्कता अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग दिल्ली को भी इस संदर्भ में पत्र भेजकर जल्द कार्यवाही की मांग करते हुए विवि पर आरोप लगाया कि छात्रों की समस्याओं के निदान के लिए विवि प्रशासन उच्च शिक्षा विभाग से हल करने का हवाला देता है और अपनों की फिट करने के लिए ईसी में प्रस्ताव जल्द पास कर दिये जा रहे है।
गढ़वाल विवि के छात्रों ने उच्च शिक्षा विभाग नई दिल्ली को भेजे ज्ञापन में विवि प्रशासन पर नियम विरूद्ध प्रति कुलपति का पुन: कार्यकाल बढ़ाने तथा वर्ष 2011 से नियुक्तियों और परीक्षाओं में भारी पैमाने पर अनियमितता व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कहा कि यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय एवं उच्च अधिकारीयों को समय समय पर नियम विरूद्ध हो रहे कार्यो के बारे में अवगत कराया जाता है किंतु सभी शिकायतों पर जांच के बजाय दबा दी जाती है। कहा कि नियमानुसार विश्वविद्यालय के सर्वोच्च पदों पर नियुक्ति विषयक ऐसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव अनुमोदित एजेन्डे के साथ सभी कार्यपरिषद सदस्यों को नामांकन पैनल तथा पूर्ण बायोडाटा सहित पूर्व से सर्कुलेट होने आवश्यक होते है। गढ़वाल विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष संधाशु थपलियाल ने कहा कि कार्यपरिषद की बैठक में दो सदस्यों के नाम पैनल में खानापूर्ति के लिए अंकित करवा दिए गए। कहा कि प्रति कुलपति के दोबारा नियम विरूद्ध नियुक्ति करने के प्रस्ताव के संदर्भ में विश्वविद्यालय वेबसाईट पर उपलब्ध कार्यपरिषद 25 वीं बैठक के मिनट्स बता रहे है। थपलियाल ने आरोप लगाया कि पिछले 5 वर्षों में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर की गयी, जिसमें अनियमितताओं व भ्रष्टाचार की शिकायतों पर ढाल की तरह उपयोग होते रहे हैं।
कई अधिकारियों को हटाने तक की कार्यवाही
छात्रसंघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण कई अधिकारियों को रास्ते से हटा दिया गया है। जिसमें परीक्षा नियंत्रक प्रो. अरूण रावत, कुलसचिव अजय खण्डूरी व धीरज शर्मा को हटा कर कठपुतली कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त कर दिए गए। जिस कारण आज विवि में विवि नियुक्ति प्रक्रियाओं में लगातार घपले सामने आ रहे है। थपलियाल ने विवि प्रशासन पर आरोप लगाया कि विवि में पिछले कई वर्षों से गोपनीयता के नाम पर बिना किसी वैध टेंडर प्रक्रिया के प्रश्न पत्रों की छपाई अपने चहेत फर्म को दिये जा हे है। परीक्षा कार्यों के नाम पर जाली ट्रांसपोर्ट टीए, डीए बिलों से अवैध संपत्ति जमा की गई है। चहेत फर्मो को कार्य मिलने से विवि की परीक्षाओं में प्रत्येक दिन पेपर छपाई, पेपर सेटिंग आदि की भारी गड़बड़ियां सामने आई हैं।
गढ़वाल विवि में छात्रों की समस्याओं पर विवि प्रशासन अनेक नियम बताकर उच्च शिक्षा मंत्रालय से होने की बात कर पल्ला झाड़ देता है, किंतु जब विवि प्रशासन को अपने चेहतों को उच्च पदों पर बैठाना है तो जल्द ईसी और एसी की बैठकर कर प्रस्ताव पारित करने में गुरेज नहीं करता है। ईसी की बैठक में भी यहीं लोग होते है, जो अपनों के लिए नियम बनाते है, किंतु छात्रों की समस्याओं को हल करने के लिए कोई कार्यवाही जल्द नहीं करते है। यदि विवि में चल रहे खेल के प्रति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जल्द जांच कर कार्यवाही नहीं की गई और प्रति कुलपति की दोबारा नियुक्ति करने का प्रस्ताव खारिज नहीं किया गया तो छात्रों द्वारा विवि में आंदोलन शुरु किया जायेगा।
सुधांशु थपलियाल, अध्यक्ष छात्रसंघ, गढ़वाल विवि।
गढ़वाल विवि में जो भी कार्य या निर्णय होते है वह ईसी और एसी की बैठक के उपरांत नियमों के अनुसार पारित होते है। विवि प्रशासन अपनी ओर से कोई भी नियम पारित नहीं करता है। जहां गड़बड़ी होती है वहां जांच कमेटी बनाकर जांच की जाती है। विवि में तमाम कार्य पारदर्शिता के साथ किये जा रहे है। कोई जानबूझकर झूठ को सच बनाना चाहेगा वह कदापि सच नहीं होगा।
प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल, कुलपति, हेनंब केन्द्रीय गढ़वाल विवि