रुद्रप्रयाग-केदारनाथ धाम में रक्षक के रूप में भगवान भैरवनाथ के कपाट बंद कर दिए गए। शनिवार को विधि-विधान और परम्परानुसार भैरवनाथ की पूजा आर्चना की गई और इसके बाद कपाट बंद किए गए। इस मौके पर पारम्परिक वाध्य यंत्रों के साथ ही शंख की ध्वनियां गूंज उठी।मान्यतानुसार के केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले यहां पहाड़ी पर स्थित भगवान भैरवनाथ के कपाट बंद किए जाते हैं। इसी परम्परा को लेकर शनिवार को भैरवनाथ के कपाट बंद किए गए।
मंदिर के मुख्य पुजारी टी गंगाधर लिंग, बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी एवं तीर्थपुरोहितों की मौजूदगी में भगवान भैरवनाथ के कपाट बंद किए गए। सुबह भैरवनाथ की पहाड़ी पर नित्य पूजा की गई जबकि इसके बाद कपाट बंद होने को लेकर विशेष पूजा अर्चना की गई। मंदिर के मुख्य पुजारी टी गंगाधर लिंग द्वारा भगवान की पूजा अर्चना की गई जबकि सभी भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर भगवान भैरवनाथ ने सभी भक्तों को आशीर्वाद दिया। बताते चलें कि आगामी 27 अक्तूबर भैया दूज के मौके पर भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान भगवान शिव की समाधि पूजा की जाएगी।